धीरेंद्र शास्त्री जी ने भरी हुंकार लोगों से कहा बच्चों को सांता क्लास के पास नहीं बल्कि हनुमान जी के पास भेजें शास्त्री जी ने लोगों से पश्चात संस्कृति के प्रतीक क्रिसमस को न बनाने की अपील की। अब भले ही मीडिया और कथित बुद्धिजीवी इसे विवादित बयान कहें लेकिन ये हिन्दू समाज के लिए एक महत्वपूर्ण बयान है जिसपर पूरे हिंदू समाज को ध्यान भी देना चाहिए।
मीडिया से बात करते हुए शास्त्री जी ने कहा, 'यह क्रिसमस सनातनी संस्कृति के अनुरूप नहीं है। अभिभावकों को अपने बच्चों को सांता क्लॉस के पास ना भेजकर आसपास के मंदिरों में हनुमानजी के पास भेजना चाहिए। आज मातृ-पितृ पूजन, तुलसी पूजन दिवस भी है। मातृ-पितृ पूजन कराया जाए, तुलसी पूजन कराया जाए। सांता क्लॉस आएगा गिफ्ट लाएगा..ये क्या हम पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण कर रहे हैं? भारतीय और सनातनियों को इस पर विचार करना चाहिए और पाश्चात्य संस्कृति का बहिष्कार करना चाहिए। अभिभावकों को अपने बच्चों को हनुमानजी, मीराबाई और स्वामी विवेकानंद के आदर्शों की तरफ प्रेरित करना चाहिए, ना कि पाश्चात्य संस्कृति की तरफ।'