ये पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविण हैं,||
अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त आप
ने ही निकाला है,||
इससे पहले काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और राम मंदिर के शिलान्यास का मुहूर्त भी दिया था,||
ग्रह, नक्षत्र, योग, चौघड़ियों का काशी ही नहीं देश में इनसे बड़ा जानकार शायद ही कोई हो,||
उनके परदादा ने दक्षिण से यहां आकर इसकी शुरुआत की थी,||
कहते हैं उनके परदादा जब काशी पहुंचे तो यहां के विद्वानो ने उनकी बकायदा परीक्षा ली थी, तब जाकर उन्हें काशी में रहने का मौका मिला था,||
यहां बच्चों को आचार्य बनने और कर्मकांड की पढ़ाई भी करवाई जाती है,||
बलिदानी राजगुरु यहां के स्टूडेंट रह चुके हैं,||
सज रही है अयोध्या नगरी,
प्रभु श्री राम के स्वागत को,|| 🚩
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