कृपया समय निकाल कर पढ़े बहुत ही अच्छी ज्ञानवर्धक जानकारी है 🙏
रात्रि 11 से 3 के दौरान आपके रक्त संचरण का अधिक भाग लीवर की ओर केन्द्रित होता है | जब लीवर अधिक खून प्राप्त करता है तब उसका आकार बढ़ जाता है | यह महत्त्वपूर्ण समय होता है जब आपका शरीर विष हरण की प्रक्रिया से गुजरता है। आपका लीवर, शरीर द्वारा दिन भर में एकत्रित विषाक्त पदार्थों को निष्क्रिय करता है और खत्म भी करता है।
यदि आप 11 बजे सो जाते हैं तो आपके पास अपने शरीर को विषमुक्त करने के लिए पूरे चार घण्टे होते हैं।
यदि 12 बजे सोते हैं तो 3 घण्टे।
यदि 1 बजे सोते हैं तो 2 घण्टे।
यदि 2 बजे सोते हैं तो केवल एक ही घण्टा विषाक्त पदार्थों की सफाई के लिए मिलता है।
अगर आप 3 बजे के बाद सोते हैं ? दुर्भाग्य से आपके पास शरीर को विषमुक्त करने के लिए कोई समय नहीं बचा। यदि आप इसी तरह से सोना जारी रखते हैं, समय के साथ ये विषाक्त पदार्थ आपके शरीर में जमा होने लगते हैं।
क्या आप कभी देर तक जागे हैं? क्या आपने महसूस किया है कि अगले दिन आपको बहुत थकान होती है, चाहे आप कितने भी घण्टे सो लें ?
शरीर को विषमुक्त करने का पूरा समय न देकर आप शरीर की कई महत्त्वपूर्ण क्रियाओं से भी चूक जाते हैं।
प्रात: 3 से 5 के बीच रक्त संचरण का केन्द्र आपके लंग्स होते हैं।
👉🏻 इस समय आपको ताज़ी हवा में साँस लेना चाहिए और व्यायाम करना चाहिए। अपने शरीर में अच्छी ऊर्जा भर लेनी चाहिए, किसी उद्यान में बेहतर होगा। इस समय हवा एकदम ताज़ी और लाभप्रद अयनों से भरपूर होती है।
प्रात: 5 से 7 के बीच रक्त संचरण का केन्द्र आपकी बड़ी आँत की ओर होता है। आपको इस समय शौच करना चाहिए। अपनी बड़ी आँत से सारा अनचाहा मल बाहर कर देना चाहिए। अपने शरीर को दिन भर ग्रहण किए जाने वाले पोषक तत्वों के लिए तैयार करें।
सुबह 7 से 9 के बीच रक्त संचरण का केन्द्र आपका पेट या अमाशय होता है। इस समय आपको नाश्ता करना चाहिए। यह दिन का सबसे जरूरी आहार है। ध्यान रखें कि इसमें सारे आवश्यक पोषक तत्त्व हों। सुबह नाश्ता न करना भविष्य में कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का कारण बनता है।
अपने शरीर की प्राकृतिक जैविक घड़ी का अनुसरण करते अपनी प्राकृतिक दिनचर्या का पालन करें।
स्वस्थ रहें, व्यस्त रहें, मस्त रहें।
राधे राधे श्री हरिवंश 🙏
बोत अच्छी पोस्ट कि आप का आशीर्वाद चाहिये 🙏🚩
ReplyDelete