VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 7 श्लोक 24
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🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी शाम 03:53 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅दिनांक - 26 नवम्बर 2023
⛅दिन - रविवार
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - हेमंत
⛅मास - कार्तिक
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - भरणी दोपहर 02:05 तक तत्पश्चात कृतिका
⛅योग - परिघ रात्रि 01:37 तक तत्पश्चात शिव
⛅राहु काल - शाम 04:32 से 05:53 तक
⛅सूर्योदय - 07:00
⛅सूर्यास्त - 05:53
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:15 से 06:08 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:53 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - वैकुंठ चतुर्दशी, पूर्णिमा, देव दीवाली
⛅विशेष - चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹देव दिवाली-कार्तिक पूर्णिमा - 26/27 नवम्बर 2023 🌹
🔹सुख-समृद्धि हेतु देव दिवाली - कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये उपाय
🔸इन दिनों में लक्ष्मीजी के स्वागत के लिए घर के अंदर-बाहर अच्छे से साफ-सफाई करें । जिस घर में गंदगी होती है वहाँ लक्ष्मीजी का निवास नहीं होता है । अतः आम दिनों में भी इसका ध्यान रखें । कभी-कभी गोमूत्र, नमक का पोता लगायें ।
🔸 घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों का तोरण लगाने और घर के अंदर गंगाजल का छिड़काव करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है व लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं ।
🔸धन की परेशानियों से बचने के लिए इस दिन न किसीसे कर्ज लें और न किसीको कर्ज दें ।
🔸कार्तिक पूर्णिमा में किये गये स्नान, दान, होम, यज्ञ और उपासना, ध्यान, जप आदि का अनंत फल होता है । इस दिन सायं संध्या के समय दीपदान का विशेष महत्त्व है । पद्म पुराण में आता है: 'कार्तिक पूर्णिमा के दिन किये गये दान, जप आदि का दस यज्ञों के समान फल होता है ।'
🔹औषधीय गुणों से भरपूर गाजर🔹
🔸'भावप्रकाश निघंटु' के अनुसार यह मधुर तथा तिक्त रस युक्त, तीक्ष्ण, उष्ण व भूख बढ़ानेवाली है । यह रक्त व कांति वर्धक, कृमिनाशक, कफ को निकालनेवाली व वात को दूर करनेवाली है। । इसमें विटामिन 'ए', 'बी', 'सी', 'डी', प्रोटीन्स, कार्बोहाइड्रेट्स, फॉस्फोरस, लौह तत्त्व, रेशे (fibres) आदि पाये जाते हैं । यह रोगप्रतिकारक शक्ति (immunity) बढ़ाती है व विटामिन 'ए' की प्रचुरता होने से नेत्रज्योति की वृद्धि करती है ।
🔸गाजर में मूँग या चने की दाल डालकर घी में जीरा, हींग, अदरक, हल्दी, कढीपत्ता आदि की छौंक लगा के बनायी गयी सब्जी खाने से चिड़चिड़ापन, मानसिक तनाव आदि विकार दूर होते हैं तथा शरीर को पुष्टि मिलती है ।
🔸गाजर के टुकड़ों में सेंधा नमक, कटा पुदीना, टमाटर, अदरक तथा नींबू का रस मिलाकर सलाद के रूप में सेवन करने से पाचनशक्ति की वृद्धि होती है, भोजन में अरुचि, अफरा (gas) आदि का निवारण होता है । आटे में कद्दूकश की हुई गाजर, कटा हरा धनिया, हल्दी, अजवायन, नमक और मिर्च मिला के रोटी बना सकते हैं ।
🔸स्वास्थ्यप्रद गाजर रस🔸
🔸गाजर का रस रक्तशुद्धिकर होने से कील- मुँहासे, फोड़े-फुंसी आदि में लाभकारी है । यह रक्ताल्पता (anaemia) को दूर करता है, वर्ण में निखार लाता है व यकृत (liver) की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मददरूप हैं ।
🔹औषधीय प्रयोग🔹
🔸गाजर का रस दिन में १-२ बार पीने से हृदय-दौर्बल्य में लाभ होता है ।
🔸इसके रस में १-२ चम्मच शहद मिलाकर सेवन करना छाती के दर्द में हितकारी है । इस प्रयोग में गाजर को पहले उबाल लें फिर रस निकालें ।
🔸 इसके रस में चुकंदर का २५ मि.ली. रस मिलाकर दिन में १-२ बार पीने से मासिक धर्म की अनियमितता तथा अवरोध में लाभ होता है ।
🔸गाजर-रस की मात्रा : ४०-५० मि.ली.
🔹 रविवार विशेष🔹
🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🔹 रविवार के दिन आँवला, मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।
🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।
🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना एवं पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।
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