बचपन से 72 हूरों के सपने देखने वाले लोग अपने ही समाज के लिए खतरा बन जाते हैं। ऐसे लोग यदि शिक्षक के रूप में तालीम देंगे तो सोचिए बच्चे क्या सीखेंगे और वो समाज को कितना गन्दा करेंगे। घटना मुजफ्फरनगर उत्तरप्रदेश की जहां मदरसे में दीनी तालीम देने वाले बलात्कारी को उम्रकैद की सजा दी गई क्योंकि उसने 8 वर्षीय मासूम के साथ दरिंदगी की।
अच्छी बात यह है कि इस जिहादी को योगी जी के राज में मात्र 40 दिन में सजा हो गई। वैसे यह राम राज्य नहीं तो और क्या है जहां शैतान को इतनी तेजी से सजा मिली और पीड़ित हो न्याय। प्रशासन को चाहिए की मदरसों की स्थिति में सुधार लाए और जैसा कि हिमांता जी कहते हैं वहां से मुल्लाह नहीं डॉक्टर, इंजीनियर आदि निकलने की व्यवस्था की जाए। जो गलत प्रकार की शिक्षा दी जाती है उसपर रोक लगे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाफिज इरफ़ान का मामला मुज़फ्फरनगर के पॉक्सो स्पेशल कोर्ट में सुना गया। सुनवाई सेशन जज बाबूराम ने की। सुनवाई के दौरान अभियोजन और बचाव पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं। इसके अगले दिन इरफ़ान की सजा पर बहस हुई। सुनवाई के महज 40 दिनों के अंदर सोमवार को ही अदालत ने हाफिज इरफ़ान को दोषी करार दे दिया था।
इस दौरान हाफिज इरफान के वकील ने कोर्ट से रहम की अपील की। वहीं, अभियोजन पक्ष ने हाफिज के कृत्य को बेहद गंभीर बताते हुए उसके लिए फाँसी की माँग की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मदरसा टीचर को उम्रकैद और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की राशि पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति दी जाएगी।
इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हाफिज इरफ़ान पर तल्ख़ टिप्पणी भी की। कोर्ट ने कहा कि अगर शिक्षण संस्थान का शिक्षक ही ऐसी हरकत करेगा तो आगे से कोई भी अपनी बेटियों को वहाँ पढ़ने के लिए नहीं भेजेगा। अदालत ने आगे कहा कि अगर ऐसे मामले में दोषियों पर रहम किया गया तो समाज में गलत संदेश जाएगा और लोगों का शिक्षकों पर से विश्वास कम होगा।
क्या था मामला
यह घटना 23 सितंबर 2023 की है। पीड़िता की माँ ने थाना बुढ़ाना में अपनी बच्ची के साथ दुष्कर्म की FIR दर्ज करवाई। FIR में मदरसे में दीनी तालीम देने वाले हाफिज इमरान को नामजद किया गया था। पीड़िता की माँ ने अपनी शिकायत में बताया था कि इरफ़ान ने उसकी बेटी को झाड़ू लगाने के बहाने कमरे में बुलाकर दुष्कर्म किया था। इससे बच्ची बेहोश गई।
हाफिज पीड़िता को मरा समझकर वहाँ से भाग गया। घटना के बाद पीड़िता बेहतर इलाज के लिए 7 दिनों तक मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती रही थी। पुलिस ने इस घटना में मात्र 13 दिनों के भीतर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। चार्जशीट IPC की धारा 376 व पॉक्सो एक्ट में दाखिल हुई थी। हाफिज को तब से जमानत नहीं मिली और वो जेल में ही रहा। वहीं, इस मामले में कोर्ट ने 40 दिन में सजा सुना दी है।