राजस्थान में पेपर लीक मामले में ED के छापे पड़े, गहलोत साहब के बेटे को समन दिया गया तो अब बंगाल में वनमंत्री को ED द्वारा गिरफ्तार करने की खबरें आ रही हैं मामला राशन वितरण प्रणाली में करोड़ों के घोटाले का है, यानी गरीबों का राशन नेता खा रहे हैं और फिर बात गरीबी तथा बेरोजगारी हटाने की कर रहे हैं। लेकिन अब ED की कार्यवाही हुई है तो केंद्र सरकार को बदले की कार्यवाही बताकर हो हल्ला करेंगे।
INDI एलायंस में एक से बढ़कर एक पार्टी सम्मिलित हैं, कांग्रेस के घोटालों की तो गिनती ही नहीं उसके अलावा भी कोई चारा चोर है तो कोई गोबर चोर, की युवाओं के भविष्य से खेल रहा है तो कोई राशन चुराकर गरीबों को भूख से बिलखकर मरते छोड़ रहा है।अब ऐसे लोगों को सत्ता में बिठाना है या नहीं ये तो भारत को समझदार जनता को हो तय करना है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने कई करोड़ रुपए के राशन वितरण घोटाले में गुरुवार (26 अक्टूबर 2023) की देर रात को पश्चिम बंगाल के वन राज्यमंत्री और तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेता ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें गिरफ्तारी के बाद मेडिकल जाँच के लिए ईएसआई अस्पताल जोका ले जाया गया।
साल्ट लेक के अपने घर से ईडी की गिरफ्तारी के दौरान मीडियाकर्मियों से मंत्री मलिक ने कहा, “मैं एक गंभीर साजिश का शिकार हूँ।” वहीं, ईडी ने एक आधिकारिक बयान में कहा है, “पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को राशन वितरण में भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है।”
गौरतलब है कि राशन घोटाले की जाँच के सिलसिले में मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के आवास समेत कई जगहों पर ईडी ने गुरुवार तड़के छापेमारी की। ईडी के मुताबिक, निदेशालय के अधिकारियों ने मंत्री मलिक के कोलकाता साल्ट लेक इलाके के दो फ्लैट में केंद्रीय बलों की एक टीम की मदद से छापेमारी की।
इसके साथ ही मंत्री के पूर्व निजी सहायक के आवास सहित आठ अन्य फ्लैट पर भी छापेमारी को अंजाम दिया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘छापेमारी के दौरान मंत्री वहाँ नहीं थे। वह बाद में आए और उनका फोन ले लिया गया है। (फ्लैट के) अंदर आठ अधिकारी हैं। हम उनके पूर्व निजी सहायक के दमदम स्थित आवास और कुछ अन्य स्थानों पर भी तलाशी ले रहे हैं।’’
ED मलिक के एक करीबी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। बता दें कि वर्तमान में वन मामलों के राज्य मंत्री मलिक इससे पहले टीएमसी की सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग का प्रभार संभाल चुके हैं। हालाँकि, अपने मंत्री की इस गिरफ्तारी पर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी ने अभी कोई बयान नहीं जारी किया है।
टीएमसी के नेता घोटाले के लिए लगातार ईडी की जाँच के दायरे में हैं। इस साल की शुरुआत में ईडी ने पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के आवास से भारी नकदी की बरामदगी के बाद शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार किया था।
ईडी के मुताबिक, दोनों पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाले की जाँच का सामना कर रहे हैं। टीएमसी के बीरभूम (Burbhum) जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को भी पशु तस्करी मामले में पहले गिरफ्तार किया गया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को भी कोयला घोटाले में ईडी के रडार पर हैं।
वहीं, पीडीएस राशन वितरण में भ्रष्टाचार के कथित मामले में मंत्री मलिक की गिरफ्तारी पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉक्टर सुकांत मजूमदार का कहना है, “उनकी गिरफ्तारी निश्चित थी। ये सबको पता था कि PDS का राशन लेकर कैसे उसकी तस्करी हुई है। ममता बनर्जी को चोरों से सहानुभूति है।”