बताया जा रहा है कि हिंदू यात्री बस में बैठकर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए रामधुन गा रहे थे। बस जैसे ही दाणीलीमडा के चंडोला पहुँची, वहाँ मौजूद मुस्लिम भीड़ ने बस को रोक लिया। इसके बाद उन कट्टरपंथियों ने हिंदुओं से ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने को लेकर सवाल करना शुरू कर दिया। वीडियो में मुस्लिमों को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “तुम हमारे क्षेत्र में (‘जय श्री राम’ के) नारे क्यों लगा रहे हो? अगर नारे लगाना चाहते हो तो अपने क्षेत्र में जाओ वहाँ लगाओ।” बता दें कि चंडोला मुस्लिम बाहुल्य इलाका है।
वहीं, वीडियो में एक अन्य मुस्लिम धमकी भरे लहजे में हिंदुओं से सवाल करता नजर आ रहा है। वह कहता है, “अगर हम तुमलोगों के इलाके में नारा-ए-तकबीर और ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगाएँ तो क्या होगा?” इस वीडियो में पुलिसकर्मी भी खड़े दिखाई दे रहे हैं। लेकिन, इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ के आगे वे भी बेबस नजर आए।”
इस मामले में ऑपइंडिया ने ‘विश्व हिंदू परिषद’ (VHP) गुजरात के प्रवक्ता हितेंद्र सिंह राजपूत से बात की। इसमें उन्होंने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। क्या अब गुजरात में हिंदुओं के ‘जय श्री राम’ बोलने पर प्रतिबंध है? मुस्लिम भीड़ का हिंदू तीर्थयात्रियों की बस रोकने के पीछे आखिर क्या मकसद था?”
साल 2002 में हिंदू कारसेवकों से भरी साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की कोच में आगे लगाने की घटना को याद करते हुए हितेंद्र ने आगे कहा, “हिंदू तीर्थयात्री अपने घर लौट रहे थे। इसको रोकने का क्या मतलब था? इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं है? कहीं ये लोग एक और गोधरा कांड को तो अंजाम नहीं देना चाहते थे?”
इसके अलावा उन्होंने गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी और गुजरात पुलिस के डीजीपी से मामले की गहराई से जाँच करने का अनुरोध किया है। उन्होंने वायरल वीडियो के आधार पर इसमें दिख रहे इस्लामी कट्टरपंथियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की है। बता दें कि इस मामले में अब तक किसी प्रकार की शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। लेकिन, इसको लेकर सोशल मीडिया में हिंदू अपना गुस्सा दिखाते नजर आ रहे हैं।