जब नादिर शाह ने दिल्ली पे कब्ज़ा किया था तो जामा मस्जिद के ऊपर चढ़कर एक तलवार छत पर गाड़ दी थी और अपने जिहादियों को हुक्म दिया कि जब तक ये तलवार ना उठे, क़त्ल ए आम ना रुके और रुका भी नहीं।
अहमद शाह अब्दाली जब लाहौर से निकला तो ये हुक्म दिया की वापिस आऊं तो शहर के चारो तरफ छकड़ों में नरमुंड का सैलाब हो और ये हुआ भी।
बाबर ने, गोरी ने, गजनी ने भी यही किया हमारे पुरखो का कत्लेआम कर 30 हजार मंदिर तोड़ डाले। आज हमारे देश मे बाबर को अपना बाप बताने वालों की भीड़ लगी है।.इनको सिर्फ लुटेरा बताकर इतिहास ख़त्म कर देने वाले वामी, औरंगजेब को माननीय बताने लगते है तो हैरानी क्या?
ये तो इनके नायक है। दिल्ली में एक लाख लोगो को काटने वाला तैमूर हो या हिंदुओं के खून का प्यासा अकबर या अल्लाद्दीन खिलजी ये सब आज इनके महा नायक है।
तारिक बिन जियाद से लेकर ओसामा जीन्ना तक सब आज माननीय है। किसको फर्क पड़ता है के गुरु गोविंद सिंह के लालों के साथ इन पिशाचों ने क्या किया। गुरु तेग बहादुर जी के साथ क्या हुआ या संभाजी के साथ क्या हुआ?
आप तो अपने बच्चों को रटाते रहिए कि अकबर महान था। मगर कभी खुद यह मत सोचना फिर उस राणा प्रताप को क्या कहे जो जीवन भर जंगलो में भटकते हुए घास की रोटी खा कर भी अकबर से लड़ते रहे।
सहिष्णुता सिखते रहिए है अपने कातिलो को अपना पीर स्वीकार करते रहिए उनकी कब्रो पर सर पटकते रहिए। आज तुम्हारे पास मानधाता का वो भूभाग नही रहा जहां कभी सूर्य अस्त नही होता था। गांधारी का गांधार नहीं रहा, लव कुश का लाहौर नहीं रहा। सिंध, ननकाना साहिब, हिंगलाज आज नही है ढाकेश्वरी भी नहीं हैं लेकिन आप को क्या फर्क पड़ता है?
यदि तालिबान ने बुद्ध की मूर्तियों को तोप से उड़ा दिया, पाक तो पाक जब काश्मीर में हजारों मन्दिर तोड़ दिए तो क्या हुआ? आपको क्या? आपको कहां फुर्सत है... आप तो बस 2 के चार के जुगाड़ में दिन रात लगे रहिए, पैसा ही सर्वस्व है... भारत माँता नहीं... मोदीजी को कोसते रहिए... टमाटर, प्याज के रेट देखते रहिए... बाकी जाने दो, कौन सोचे, इतना समय कहां है आप के व्यस्थ जीवन मे, इसके लिए मोदी है न। आप तो बस अपना टी.वी ऑन करिये और गरमागरम डिबेट देखिए...
अयोध्या में जन्म भूमि पर क्या बनना चाहिए अस्पताल या बाबरी स्मारक, फिर दूसरा चेनल लगाइए उस पर भी डिबेट चल रही है यह देश राम का नही बाबर का था। अंग्रेजो ने हमे सभ्यता सिखलाईम उनके कुतर्को से प्रभावित हो कर आप भी सीरियस हो कर अपनी मुंडी ऊपर नीचे हिलाइए, या तीसरे चेनल पर भगवा आतंकवाद ही देख लीजिए, नहीं तो अगले चैनल पर अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के नाम पर भारत तेरे टुकड़े होंगे इन्सा अल्ला इंसा अल्ला ही सुन लीजिए।
या फिर टीपू सुल्तान सीरियल ही देख लीजिए, नहीं तो जोधाबाई सीरियल या फिर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की लटकती तस्वीर ही देख लीजिए...
अरे हाँ अपने मूवी चेनल पर तैमूर की अम्मी की नई फिल्म भी तो आ रही है! मस्त होकर देखिए खूब मजा लेते रहिए, चादर तान कर सोते रहिए आप की नींद में खलल न पड़े इसके लिए हमारे सैनिक, अर्द्ध सैनिक बल के जवान हैं न अपना बलिदान देने के लिए... आप तो चैन से सोते रहिए और अपने परिवार (अपनी लाइफ अपनी वाइफ, ओर एक लाडला बस यहीं) तक ही सिमटे रहिए और ख़ुद के सुनहरे भविष्य के सपने देखते रहिए।
#साभार