ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी पूजा में मंत्र का जाप का खास महत्व है। कहते हैं कि पूजा का पूरा फल तभी मिलता है जब सही मंत्रों का जाप किया जाए। शास्त्रों में गायत्री मंत्र को सभी मंत्रों में सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त है। कहते हैं जो व्यक्ति रोजाना गायत्री मंत्र को सुनते हैं या मन में जप करते हैं उसके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। अगर कोई व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान है तो उसे रोज गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
मंत्र का जाप करने से पहले जानें नियम :-
गायत्री मंत्र का जाप तीन समय पर किया जा सकता है।
◆ पहला ब्रह्म मुहूर्त में जाप शुरू करना चाहिए और सूर्योदय होने के बाद जाप खत्म कर देना चाहिए।
◆ दूसरा समय- गायत्री मंत्र का जाप दोपहर के समय भी किया जा सकता है।
◆ तीसरा समय- गायत्री मंत्र का जाप शाम के समय सूर्यास्त के पहले शुरू करें और सूर्यास्त के बाद खत्म कर दें।
अगर आप ब्रह्म मुहूर्त में जाप कर रहे हैं तो पूर्व दिशा की ओर मुंह रख कर जाप करें। वहीं अगर शाम के वक्त जाप कर रहे हैं तो पश्चिम की ओर मुंह करके जाप करें।
ज्योतिष शास्त्र में गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए रुद्राक्ष की माला सबसे अच्छी होती है। लेकिन आप तुलसी या चंदन की माला का भी उपयोग कर सकते हैं।
गायत्री मंत्र का जाप कुशा या आसन पर बैठकर मन में करना चाहिए। गायत्री मंत्र कभी भी जोर से बोलकर नहीं पढ़ा जाता।
गायत्री मंत्र का जाप करने पहले एक लोटे में थोड़ा सा जल रख लें। जप के बाद इसे पूरे घर में छिड़क दें इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
गायत्री मंत्र का जाप हमेशा एक दीपक जलाकर करना चाहिए, यह बहुत शुभ माना जाता है।
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