मेरा अब्दुल वैसा मैं हैं कहने वाली एक और के अब्दुल ने बताई सच्चाई...लेकिन अब सच जानेगा कौन, जिसे समझना था वो तो गई...
घटना मुंबई के तिलक नगर इलाके की है। इकबाल मोहम्मद शेख ने बुर्का पहनने और इस्लामी परंपराओं का पालन करने से इनकार करने पर अपनी हिंदू पत्नी रूपाली चंदनशिवे जो निकाह के बाद जरा बन चुकी थी को घर से बाहर खींच लिया और सड़क पर बेरहमी से गला काट दिया
रूपाली तीन साल तक इकबाल के साथ रिश्ते में रही, अंततः उसने शादी कर ली और धर्म परिवर्तन के बाद 'ज़ारा' नाम अपना लिया। "मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना" फिर यह सब इनका सीखा कौन रहा है यह समझ नहीं आता..... न जाने कब तक सच से मुंह फेरा जाएगा
स्वयं विनाश के लिये कारणीभूत
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