NCERT की कई किताबों के लेकर कई बार विवाद सामने आए, अब इसका नया सिलेबस तैयार किया जा रहा है जिसके लिए कुछ दिग्गजों की टीम का गठन कर एक समिति तैयार की गई है। शिक्षा एक समाज और एक देश के वास्तविक विकास के लिए महत्वपूर्ण अंग है इसलिए समाज में सही शिक्षा पहुंचे ये अत्यंत आवश्यक है। अब तक भारत की शिक्षा व्यवथा में वामपंथ की गहरी पहुंच रही है
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें कहा गया है कि एनसीईआरटी का सिलेबस तैयार करने के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण शिक्षण सामग्री समिति (NCTC), नामक एक स्वायत्त संस्था बनाई गई है। इस संस्था के तहत 19 सदस्यीय समिति का गठन किया जा रहा है। यह समिति कक्षा 3 से लेकर 12वीं तक की किताबों और शिक्षण सामग्री को अंतिम रूप देगी।
इस समिति में कई बड़े नामों को शामिल किया गया है। जहाँ एक ओर राष्ट्रीय शैक्षिक योजना और प्रशासन संस्थान (NIEPA) के चांसलर महेश चंद्र पंत NCTC के अध्यक्ष होंगे। वहीं प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मंजुल भार्गव को सह-अध्यक्ष बनाया गया है। समिति की सदस्य सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष होने के साथ ही यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सास हैं। वहीं, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय व सदस्य संजीव सान्याल व संस्कृत भारती के सह-संस्थापक और भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष चमू कृष्ण शास्त्री तथा सीएसआईआर के पूर्व महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे को भी इस सूची में शामिल किया गया है।
इसके अलावा, कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय की प्रोफेसर पद्म श्री सुजाता रामादोराई, बेंगलुरु के प्रकाश पदुकोण बैडमिंटन अकादमी के डायरेक्टर यू. विमल कुमार, आईआईटी गाँधी नगर के विजिटिंग प्रोफेसर माइकल डैनिनो तथा हरियाणा कैडर की रिटायर्ड IAS और हरियाणा लोकप्रशासन संस्थान की पूर्व महानिदेशक तथा पूर्व मुख्य शिक्षा सचिव सुरीना राजन भी NCERT की इस समिति की सदस्य होंगीं। साथ ही नीति अध्ययन केंद्र चेन्नई के अध्यक्ष डॉ. एमडी श्रीनिवास, NSTC के कार्यक्रम कार्यालय प्रमुख गजानन लोंढे, एससीईआरटी सिक्किम के डायरेक्टर राबिन छेत्री, एनसीईआरटी प्रोफेसर प्रत्यूषा कुमार मंडल, NCERT के प्रोफेसर दिनेश कुमार, प्रोफेसर कीर्ति कपूर और प्रोफेसर रंजना अरोड़ा शामिल हैं।