मेवात जिसे लंबे समय से मिनी पाकिस्तान कहा जाता है, जहां से अनेकों खबरें पहले भी आई हैं जो संवेदनशील और गंभीर रही, लेकिन प्रशासन ने कोई कठोर कदम नहीं उठाया और आज उसका दुष्परिणाम सबने देखा। अब भी अनेकों मुसलमान सोशल मीडिया पर इस हिंसा के लिए उन हिंदुओं को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास कर रहे हैं जो हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अपना त्योंहार / परंपरा मन रहे हैं।
पूरे देश में ऐसे अनगिनत इलाके बन चुके हैं जो मुस्लिम बहुल हो गए और वहां ना देश का संविधान काम करता है ना कानून, अपितु पुलिस भी वहां घुसने से डरती हैं।
मेवात मामले पर अब कठोरता से कार्यवाही की जरूरत है। अब जरूरत है मेवात में सफाई अभियान चलाकर जेहादियों , देशद्रोही आतंकियों का सफाया करने की।
सोचिए क्या मनोदशा होगी इन लोगों की जो शोभायात्रा में सम्मिलित होने अपने परिवार के साथ गए और मुसलमानों ने उन्हें शिकार बना लिया? क्या वो भविष्य में ऐसी धार्मिक यात्राओं में सहजता से सम्मिलित हो पाएंगे? क्या वो अपने बच्चों को ऐसी धार्मिक यात्राओं में सम्मिलित होने देंगे? ये केवल सुनियोजित हमला नहीं अपितु हिंदू समाज को भयाक्रांत कर धार्मिक यात्राओं को खत्म करने का जेहादी खेल है जिसमें ये सफल भी होते हैं। क्योंकि ऐसी वारदातों के बाद प्रशासन इन जेहादियों को रोकने के स्थान पर हिंदुओं को हो ऐसी यात्राएं करने से रोकता है, उन्हें परमिशन नहीं देता।
हरियाणा के मेवात में विश्व हिंदू परिषद (VHP) की शोभायात्रा पर कट्टरपंथी मुस्लिमों द्वारा सोमवार (31 जुलाई 2023) को हमला कर दिया गया। इस शोभायात्रा में हजारों की संख्या में महिलाएँ भी शामिल थीं। उपद्रवियों द्वारा महिलाओं को लगभग 5 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। आखिरकार पुलिस ने उन्हें सकुशल निकाल लिया है।
मेवात के नूहं से शुरू हुई हिंसा गुरुग्राम के सोहना तक फैलने के बाद राज्य की भाजपा सरकार ने मेवात, गुरुग्राम, फरीदाबाद और रेवाड़ी जिलों में धारा 144 लागू कर दिया है। इसके साथ ही यहाँ इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। नूहं में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
वहीं, ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा पर मुस्लिम भीड़ ने हमला कर इसमें हजारों की संख्या में शामिल हिंदू महिलाओं एवं उनके साथ छोटे बच्चों को घेर लिया था। ये महिलाएँ एक पहाड़ी इलाके में घिरी हुई थीं और उस इलाकों ने मुस्लिमों ने चारों तरफ से घेर रखा था। आखिर ADG ममता सिंह के नेतृत्व में कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें निकाल लिया गया।