मेवात जो कहने को तो भारत के ही एक राज्य हरियाणा का जिला है लेकिन वहां शायद भारतीय कानून लागू नहीं होता! ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदुओं द्वारा वह अपनी धार्मिक यात्रा तक नहीं निकल सकते, वो मंदिरों के दर्शनों के लिए नहीं जा सकते। ऐसा करने पर उन्हें मजहबी आतंकियों द्वारा पत्थर मारे जाते हैं, लाठी, डंडे एवं अन्य हथियारों से मारा जाता है, गाडियां जला दी जाती हैं, लोगों को भी जिंदा जला दिया जाता है।
31 जुलाई को कुछ ऐसा ही हुवा, बृजमंडल यात्रा जो हर साल होती है उसपर जेहादियों ने जोरदार हमला किया और अब सरकार, प्रशासन तथा सगठन एक दूसरे की कमी बता पल्ला झाड़ रहे हैं।
जानकारियों के अनुशार हजारों हिंदू (महिलाओं और बच्चों सहित) फंसे हुए हैं, मंदिरों में जान बचाने के लिए छुपे हुए हैं, लोगों का कहना है की मुसलमानों द्वारा कुछ लोगों को जिंदा जला दिया गया, सैकड़ों गाडियां आग के हवाले कर दी गए, पुलिस पर भी जमकर पथराव हुवा। थानों पर भी हमले हुए हैं। अब ये हिंसा मेवात से गुरुग्राम तक पहुंच चुकी है, और प्रशासन ने धारा 144 का झुनझुना टांग दिया है ताकि लोगों को लगे कि कार्यवाही हो रही है। हरियाणा केस गृहमंत्री जी भी अपना बयान देकर फॉर्मेलिटी पूरी कर रहे हैं
वैसे अपने आप को I N D I A बताने वाले विपक्ष साइलेंट है, जबकि घटना भाजपा शासित राज्य की ही है। जैसे मणिपुर में सबकी चिंता दिख रही थी उसकी 1% भी यहां चिंता दिख नहीं रही और इसका कारण है की अपराधी मुसलमान हैं और मुसलमानों पर कार्यवाही के लिए यू कैसे बोल सकते हैं? हां हो सकता है यदि अब हरियाणा सरकार कोई कठोर कार्यवाही करती है तो विपक्ष मुसलमानों के बचाव और उनके मानवाधिकार आदि के लिए जरूर बोले।
सरकार और प्रशासन तो वैसे भी हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए कुछ खास कर नहीं पाता, सही देखा जाय तो सबसे अधिक नुकसान तो इन जेहादी हमलों में सरकार और प्रशासन का ही होता है, लेकिन हिंदू संगठन! क्या वो अपनी और अपनों की सुरक्षा के लिए वाकई गंभीर हैं?
VHP का कहना ही की हमला सुनियोजित था, मुसलमानों ने पहले से तैयारी कर रखी थी। उनका कहना है की यात्रा हर वर्ष निकलती है और ये बात सबको पता है तो मुसलमानों ने उसके अनुरूप तैयारी की थी लेकिन पुलिस ने तैयारी नहीं की। बड़े गर्व से वीडियो में बता रहे हैं को दौड़ा दौड़ा कर हिंदुओं को मारा गया।
लेकिन प्रश्न तो ये भी उठता है की क्या VHP को नहीं पता जेहादियों की मानसिकता के बारे में? क्या वो नहीं देख रहें की कैसे देशभर में खासकर उन इलाकों में जहां इनकी संख्या अधिक है वहां ये हिंदुओं की यात्राओं, त्यौंहारों आदि पर क्या करते हैं? ऐसे में क्या इन यात्रा निकालने वालों को उचित सुरक्षा तैयारियां नहीं करनी चाहिए? क्या ऐसे मामलों में उन्हें मुसलमानों को नहीं समझा देना चाहिए की ये भारत है कोई इस्लामिक मुल्क नहीं और यहां सब संविधान से चलेगा तथा जो संविधान के विरुद्ध जाएगा उसे उचित जवाब भी दिया जाएगा।
हिंदू और हिंदू संगठन अपनी सुरक्षा के लिए जरा भी गंभीर नहीं, वो पूरे देश में पीटते हैं और फिर रोते हैं ..और ये काम राम कृष्ण के वंशजों का नहीं हो सकता।
वैसे VHP ने एक बात बहुत अच्छी कही है जो यदि वास्तविकता में बदल जाए तो संभवत देश की शांति और कानून व्यवस्था स्थापित हो जाएगी
VHP नेता आलोक जी ने कहा है, “हम केवल सरकार का आसरा नहीं ले रहे। आत्मरक्षा का भी अधिकार है। इसलिए हिंदू अपने आत्मरक्षा के अधिकार का भरपूर प्रयोग करके इस प्रकार के हमलों का सामना करेगा। इसके बाद जो होगा उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी। हम सामना भी करेंगे। भयभीत भी नहीं होंगे। मेवात को हिंदुओं के लिए सुरक्षित स्थान बनाएँगे।”