यह तस्वीर सीरिया, अफ़गानिस्तान या फ्रांस का नहीं बल्कि भारत के एक राज्य हरियाणा में स्थित #Mewat का है!
दंगाई यहां एक हिंदू मोनू मानेसर का शिकार करने गए थे? मेवात में शांतिप्रिय समुदाय की संख्या 90% के आसपास है और यह नजारा तुम्हें देखने को मिला है, हमारे देश के प्यारे हिंदुओं
यह सब देखने के बाद भी न सत्ता पक्ष को शर्म आएगी, ना विपक्ष को शर्म आएगी, ना अपने बहुसंख्यक होने के अहंकार में डूबे हिंदुओं को शर्म आएगी? क्योंकि शर्म तो हमें आती ही नहीं है?
हम तो बस पैसा कमाते हैं, मस्ती में अपना जिंदगी जीते हैं, अरे मरने वाला कोई मेरे परिवार का थोड़ी है? मरने वाला तो कोई और होगा, वह समझे हमें क्या लेना देना? आज के समय में ज्यादातर हिंदुओं का सोच कुछ ऐसा ही है!
अरे भाई तुम बस उनके लिए काफ़िर हो, पूरे जिंदगी मेहनत करों, कमाओ और 2 मिनट में वह तुम्हारे संपत्ति को जलाकर राख कर देते हैं और तुम उनका घंटा नहीं उखाड़ पाते क्योंकि तुम आत्मरक्षा का अधिकार और कर्तव्य दोनों भूल चुके हो। संपत्ति तो फिर कमा लोग लेकिन जब जेहादी तुम्हारी बहन बेटियों को लूटेंगे जैसा की इतिहास में कई बार हो चुका है तब क्या करोगे? क्या सरकार और प्रशासन लुटी हुई इज्जत वापस ला देगी?
ना तुम्हारे साथ पक्ष है ना तुम्हारे साथ विपक्ष है क्योंकि तुम एक नहीं हो, तुम्हारे अंदर एकता नहीं है, तुम जाति में बंटे हो, साथ ही तुम सरकार और प्रशासन पर बोझ बने हो ,अपनी और अपने परिवार की रक्षा का जरा सा भार नहीं उठा रहे हो। यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब तुम्हारी स्थिति अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी ज्यादा बदतर हो जाएगा!
यह बात गांठ बांध के रख लो
लेकिन क्या?
अब बोलोगे तुम्हारी सरकार रक्षा करेगी?
अरे जो खुद का रक्षा नहीं कर सकता उसका रक्षा करने तो भगवानभी नहीं आते है, तो कौन सी सरकार तुम्हारी रक्षा करेगी और कहां-कहां पर सरकार के साथ-साथ पुलिस तुम्हारी रक्षा करेगी? बाकी पुलिस, प्रशासन सभी इनके सामने अधिक समय नहीं टिक पाते, अपितु पुलिस भी इनसे पिटाई खाती है, थाने तक को ये आग के हवाले कर देते हैं, पुलिस, सेना सबको खुलेआम हाथ पैर तोड़ने को चुनौती दे चुके हैं..
अगर चैन से जीना है तो जाग जाओ, संगठित हो जाओ और आत्मरक्षा की आवश्यकता को समझ संविधान सम्मत उसकी तैयारी करो।