आखिर रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए भारत में रह रहे इन कट्टरपंथियों को इतनी हमदर्दी क्यों है कि वह किसी को मारने के लिए उतारू हो जाएं? क्या रोहिंग्या भारत में इसलिए घुसपैठ किया या करवाए जा रहे हैं ताकि PFI का मिशन 2047 सफल किया जा सके?
रोहिंग्या घुसपैठियों का विरोध तो हर भारतवासी को हर राष्ट्र प्रेमी को करना चाहिए लेकिन दुर्भाग्य कि भारत की कुछ राजनीतिक पार्टियां भी खुलकर इन घुसपैठियों का समर्थन करती है और हमारे देश का कानून कोर्ट यह भी इन रोहिंग्या ओं को देश से बाहर निकाल नहीं पाते बल्कि कई मामलों में इन्हें इन्हें निकालने की सरकारी कार्यवाही को भी रोक दिया जाता है
रोहिंग्या घुसपैठियों की नागरिकता रोकने के लिए हिन्दू परिवार के एक सदस्य ने फेसबुक पर पोस्ट डाला था। इसके बाद हिंदू परिवार से मारपीट की गई और गाँव छोड़ने के लिए कहा गया। पुलिस शिकायत के अनुसार, गाँव के दिलशाद, इरशाद, जहीर और कई अन्य लोग लाठी-डंडों, फरसा और कट्टे से लैस होकर दीपक के घर में जबरन घुस गए और तोड़फोड़ करने लगे।
वहीं, इस मामले की जानकारी देते हुए मुंडकटी थाना प्रभारी सचिन कुमार ने बताया कि सराय गाँव निवासी दीपक ने 15 अगस्त 2023 को एक घटना के बारे में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में मुंडकटी थाना पुलिस ने आर्म्स एक्ट, मारपीट, जान से मारने की धमकी समेत कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
शिकायत के अनुसार, कमजोर आर्थिक स्थिति और गाँव में हिंदू परिवारों की संख्या कम होने के कारण आरोपितों ने परिवार पर कई बार हमले किए। इन हमलों से पीड़ित हिन्दू परिवार को डरा हुआ है। शिकायतकर्ता पीड़ित ने कहा कि परिवार पर पहले भी हमले हो चुके हैं और विवादों को सुलझाने के उनके सभी प्रयास बेकार गए हैं।
थाना प्रभारी सचिन कुमार ने कहा कि घटना के संबंध में जहीर, दिलशाद और इरशाद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वहीं संदिग्धों को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं और शीघ्र ही उनकी गिरफ्तारी की उम्मीद है।
गौरतलब है कि यह घटना भी हरियाणा के नूहं में जलाभिषेक यात्रा पर मुस्लिमों के हमले की तरह ही है। नूहं भी एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, जो बिगड़ती कानून व्यवस्था, गाय तस्करी और विभिन्न सामाजिक बुराइयों के लिए कुख्यात है। नूहं में ही 31 जुलाई को शोभायात्रा पर कट्टरपंथी मुस्लिम भीड़ द्वारा हमला किया गया था, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी।