ज्ञानवापी में मुस्लिम पक्ष तहखाने की चाबी देने से बार-बार इंकार कर रहा था... जब काफी न-नुकुर के बाद चाबी दी और तहखाना खुला तो उसके अंदर मिली एक चार फीट की मूर्ति, दो फीट का त्रिशूल, पांच कलश और दीवार पर हिंदू कलाकृतियां...
इतना ही नहीं ये भी पता चला कि हिन्दू प्रतीक चिन्हों को छुपाने की कोशिश की गई थी... दीवारों को चूने से पोतकर इन चिन्हों को मिटाने का प्रयास किया गया था...
सोचिये कितने धूर्त होते हैं कुछ लोग... पहले पवित्र शिवलिंग पर वज़ू करते रहे... और अब पता चला है कि तहखाने में मूर्तियां छुपाये बैठे हैं.
अब कोई कांग्रेस का फर्जी इतिहासकर आ कर बता देगा कि अरब देशों में ऐसी कलाकृति हुआ करती थी... कोई कह देगा कि औरंगजेब तो मस्जिदों के basement में मूर्तीयां रखवाता था.. ताकि उन्हें टूटने से बचाया जा सके.... कोई कह देगा कि मूर्तीयो को सुरक्षित रखने के लिए उन पर लेप लगाया जाता था, जो बाबर अफ़ग़ानिस्तान से लाया था