हरियाणा में एक कहावत है बोला र तू कौन?
बोला मैं खामख्वाह।
मेवात में केस हुआ, एक बन्दे ने गलत ब्यान बाजी करी। मेवात वालो ने कानूनी प्रक्रिया में जाने के बजाये अपने इलाके में हमला किया। प्याज काटने की बात थी अब पूरे गुड़गांव में प्याज काटी जा रही है।
सारे ट्रक ड्राईवर भाग गए है,नाई की दुकान बंद हो गई है। कोई मस्जिद तोड़ रहा है, कोई इमाम को मार रहा है। अब लोग बोलेंगे उनकी क्या गलती है तो एक यात्रा में एक आदमी के ब्यान पर कानूनी प्रक्रिया या विरोध के बजाये सब पर हमले की क्या जरूरत थी।
पटौदी से लेकर गुड़गांव, लगभग अहिरवाल और कई गांवो के सरपंचों ने लैटर छाप दिये है कि कोई बिना परमिशन गांव में काम करने नही आएगा।
अब आपको पता है कौन नही आने दिया जाएगा और किसका नुकसान हुआ। बचपन मे हमे कश्मीरी आते दिखते थे शॉल और गर्म चद्दरें लेकर, उनको घर मे बैठाकर खाना पानी भी लोग देते थे।
मैंने भी खिलाया हुआ है कि हमारे कश्मीरी है। लेकिन जैसे जैसे लोग टेलीविजन से और बाकी क्रांति से जुड़े लोगों ने उन्हें पीट पीट के दिया भगा दिया। उनकी कोई गलती नही थी, गलती वँहा के कुछ जिहादियों की थी।
किसका नुकसान हुआ? और ये जो सोशल मीडिया के क्रांतिकारी या कुछ अतिजातिवादियो का जो राग है वे क्यो नही जा रहे अब उन्हें बचाने। रही बात जातिवादियों के उड़ता तीर नही लेने की तो वो बाकायदा पलवल, नूह और आसपास के हर जातियो के हिन्दू ने ले रखा है।
इसलिए खामख्वाह वाली बात मत करो, सिर्फ बदनाम हो रहे हो। और जिनकी चप्पल लाने की बात कर रहे हो। सरकार उन्ही की है। चप्पल की बात करते हो छतें उतार दी है मकानों की। इतना दिमाग तो लगाओ की आरएसएस को जाने की जरूरत ही नही है।
आरएसएस ही प्रशाशन द्वारा सब प्रकार की प्याज कटवा देगी। बल्कि कटवा रही है। तो क्यो बेहूदे हो रखे हो। उन्हें जो चाहिये वो वे कर लेंगे। तुम खामख्वाह अपना मजाक बनवा रहे हो। हर काम बोलके करने का नही होता है। पॉवर में रहना जरूरी है इस समय आरएसएस है।
#साभार