वाराणसी कोर्ट ने 21 जुलाई को ASI सर्वे का आदेश दिया था. लेकिन 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगा दी थी (रोक के लिए मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में झूठी दलील दी थी). अब मस्जिद कमेटी की अपील पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है. जिला अदालत का फैसला तुरंत से प्रभावी होगा. हाईकोर्ट ने 27 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा था. कोर्ट में ASI की दलील थी कि सर्वे से ढांचे को नुकसान नहीं. सर्वे में खुदाई नहीं होगी. वहीं, मुस्लिम पक्ष को सर्वे से ढांचे के नुकसान की आशंका है. हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद शुक्रवार से ज्ञानवापी का सर्वे फिर से शुरू होगा.
इससे पहले ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित करने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. ये याचिका राखी सिंह ने दायर की थी. याचिका में मांग की गई थी कि 3 अगस्त यानी आज ASI सर्वे पर फैसला आने वाला है. अगर हिंदुओं के पक्ष में आता है तब भी एएसआई सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर स्थित हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित किया जाए ताकि हिंदू प्रतीक चिन्ह एएसआई सर्वे के दौरान किसी तरीके से नष्ट ना होने पाए.
ज्ञानवापी में क्या-क्या हिंदू प्रतीक चिन्ह मिले?
गौरतलब है कि ज्ञानवापी परिसर में पिछले दिनों जांच पड़ताल के दौरान कई जगहों पर हिंदू प्रतीक चिन्ह मिले थे. जिसमें त्रिशूल, डमरू और स्वस्तिक के निशान पाए गए थे. जिसके बाद से हिंदू पक्ष को आशंका थी कि ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदू प्रतीक चिन्हों को नष्ट किया जा सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट में अपील की गई थी कि हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित किया जाए ताकि भविष्य में सबूतों को नष्ट न किया जा सके.