राजनीति को छोड़ो वक्फ एक्ट पढो रोओगे अपनी छाती पीट लोगे , कहोगे इतना धोखा तो अंग्रेजो ने भी नही किया
वक्फ प्रोपर्टी एक्ट की जानकारियां ध्यान से सेक्शन वाइज पढ़ लीजिये, समझ लीजिए अभी जागिये सोये मत रहिये समय रहते शेयर करिये सब लोगों को...
हिंदू जनजागृति समिति द्वारा वक्फ के विरुद्ध छेड़े गए अभियान में सहयोग करें
रोना आ रहा है बताते हुए हमारे साथ बोहोत बड़ी साजिश की जा चुकी जिसको समझना जरूरी हैं, ये बातें केवल किसी पार्टी के विरोध के लिए नही है
कितना बड़ा है ये खतरा जिसपे बैठे हैं हम, बिल्कुल अनजान रहे हमें पता भी नही चला कभी
ये बातें हमारे देश की, धर्म की, संस्कृति की, आने वाले बच्चों के भविष्य की हैं...
पहले समझिए हम सब पर कितनी बड़ी चोट की जा चुकी है कानून बन चुका है कई राज्यों में वकफ बोर्ड जमीनें छीन चुका है जो लोग दादा परदादा तो क्या 10-10 पीढ़ी से हजारों सालों से जिन जमीनों पर बैठे थे पूरे गांव ही छीन चुका वक्फ बोर्ड
पहले समझिए और इन गद्दारों से जहां मिले वहां पूछना शुरू कीजिए...
वक़्फ़ प्रॉपर्टी एक्ट जो मुस्लिम परस्त कांग्रेस ने हिंदुओं को समाप्त करने के लिए सन 2013 में वक़्फ़ प्रॉपर्टी एक्ट लागू किया है इसके अनुसार हर हिंदू जान ले उसकी कोठी मकान खेत जमीन जायदाद उसकी नहीं है कभी भी इस कानून के अनुसार वक़्फ़ बोर्ड उस पर अपना दावा कर सकता है और डायरेक्ट डीएम को ऑर्डर दे सकता है आप से खाली करवाई जाए आप कुछ नहीं कर पाएंगे और जहां आप की सुनवाई होगी वह उसमें भी मुस्लिम ही अधिकतर सुनवाई करेंगे तो आप जान लो आपका क्या हाल होगा...?
मुस्लिम वक्फ एक्ट हिन्दुओं और भारत माता के साथ हुआ एक बहुत ही भयानक षड्यंत्र है, यह कानून हमारे संविधान का मखौल उड़ता है, यह कांग्रेस के द्वारा बनाया गया कानून, भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने में कानूनी सुगमता देता है, यह कानून बहुत ही ज्यादा ख़तरनाक है, समझ लीजिए शरिया से भी ज्यादा ख़तरनाक है, यह कानून Parliament jihad का एक नायाब उदाहरण है...🤷
वक्फ एक्ट का इतिहास...
वक्फ एक्ट के नाम पर जो कानून 1923 में बनाया गया था, तब इसे कोई स्पेशल पॉवर नहीं दिया गया था, इस एक्ट को बनाने का मकसद सिर्फ बस यह था कि अगर कोई मोमिन अपनी प्रॉपर्टी अल्लाह को देना चाहता है तो वो अल्लाह को दे सकता और उसकी प्रॉपर्टी कि देख रेख वक्फ बोर्ड करेगा...
उसके बाद से समय समय पर इसमें कुछ संशोधन होते रहे...
🔸१. वक्फ एक्ट 1954 (जिसमें इसे कुछ पॉवर दिए गए )
🔸२. वक्फ एक्ट 1984 राजीव गांधी के समय जिसमें इसे थोड़ा और ज्यादा पॉवर दिए गए.
🔸३. लेकिन 1995 में नया वक्फ एक्ट 1995 लाया गया जिसमें वक्फ बोर्ड को बहुत ज्यादा असीमित अधिकार दे दिए गए, और फिर 2013 में मनमोहन सिंह ने जो संशोधन किये उसमें भी वक्फ एक्ट को सुपर पॉवर दिए... *याद है मनमोहन सिंह का भाषण जब कहा था देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है(वो मुसलमानों के अलावा किसी को अल्पसंख्यक नही मानते)*
वक्फ एक्ट 1995 जो इसे बहुत ही ज्यादा ख़तरनाक बनाता है हिन्दुओं सिखों बौधों जैनों और पूरे भारत भूमि के लिए...
#Waqf Act 1995
Section (36) & sec (40)
इस क्लोज़ में यह लिखा है कि वक्फ बोर्ड किसी कि भी प्रॉपर्टी को चाहे वह प्राइवेट हो, सोसाइटी की हो या फिर किसी भी ट्रस्ट की उसको, वक्फ बोर्ड अपनी सम्पत्ति घोषित कर सकता है.
section 40 (1)
अगर किसी individual की प्रॉपर्टी को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित किया जाता है तो उसको उस ऑर्डर का कॉपी देना का कोई प्रावधान नहीं है, और आपने वो प्रॉपर्टी को ३ साल के अंदर चैलेंज नहीं किया तो वो ऑर्डर फाइनल हो जाएगा, मान लीजिए कि आपकी प्रॉपर्टी को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दिया गया तो आपको पता भी नहीं चलेगा क्यों की उस ऑर्डर की कॉपी देने का कोई नियम नहीं है, और आपने अगर इसे ३ साल के अंदर चैलेंज नहीं किया तो वो प्रॉपर्टी वक्फ की हो जाएगी 😡
Section 52 & sec 54
जो सम्पत्ति वक्फ संपति घोषित हो जाएगी, उसके बाद वहा जो रह रहा होगा वो “”ENCROCHER”” माना जाएगा, और उसके बाद वक्फ बोर्ड डीएम को ऑर्डर देगा कि उनको हटाया जाए और डीएम बाध्य होगा उसके ऑर्डर का पालन करने के लिए....
Section 4,5,6&7
वक्फ बोर्ड जिसको बोलेगा अपनी संपत्ति उसका राज्य सरकार सर्वे करेगी और सर्वे का खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी, और इसके कोई मापदंड तय नहीं है वो किसी भी सम्पत्ति को सर्वे में जोड़ सकते हैं...
जिसमे कोई नोटिफिकेशन, ऑब्जेक्शन, कोई प्रक्रिया तय नहीं है, सर्वे के बाद सर्वे कमिश्नर वक्फ बोर्ड को सूचित करेगा और इसके बाद वक्फ बोर्ड उसको अपनी सम्पत्ति घोषित कर सकता है, और अगर किसी को तकलीफ़ है उससे, तो उसे वक्फ ट्रिब्यूनल में जा कर अपना केस दर्ज़ कराना होगा.
Section (6) में एक बदमाशी कि गई मनमोहन सिंह के द्वारा 2013 में, 1995 के एक्ट में word था “”person interested””अगर किसी मुस्लिम को लगता है कि उसकी प्रॉपर्टी गलत तरीके से एड हो गई सर्वे ऑफिसर के द्वारा तो वो उसको वक्फ ट्रिब्यूनल में चैलेंज कर सकता है, मगर मनमोहन सिंह ने एक चालाकी करके इसके जगह “”person aggrieved”” (व्यथित व्यक्ति) कर दिया, इसका मतलब मेरी कोई प्रॉपर्टी ले लेगा तो मै person aggrieved होऊंगा, यह बहुत ही महीन सा अंतर है लेकिन बहुत ही ख़तरनाक है...
Sec 28 & sec 29
वक्फ बोर्ड का जो ऑर्डर होगा उसका पालन स्टेट मशीनरी एवम् डीएम को करना होगा, अब थोड़ी नजर हम वक्फ बोर्ड के कंपोजिशन पर करते है waqf board composition, एक चेयरमैन होगा, एक इलेक्टोरल कॉलेज होगा जिसमें दो व्यक्ति होंगे जो मुस्लिम एमपी, एमएलए के द्वारा चुने जाएंगे, बार काउंसिल के मेंबर सिर्फ मुस्लिम होंगे, एक मुस्लिम टाउन प्लांनिंग का मेंबर होगा और एक ज्वाइंट सेकेट्री होगा...
""अब एक सवाल उठता है कि क्या ऐसे आधिकार किसी पंडित, मठाधीश ,या फिर किसी हिन्दू ट्रस्ट को दिये गए हैं...❓""
Sec (9)
इसके तहत एक वक्फ काउंसिल बना हुआ है जिसके लिए एक मिनिस्ट्री इंचार्ज ऑफ minority affairs, उसका एक्स ऑफिसर चेयरमैन होगा जो सरकार को एडवाइस देगा वक्फ बोर्ड के adminstration के लिए.
Sec (85)
इसके तहत अगर कोई मामला वक्फ से संबंधित है तो आप दीवानी दावा दायर नहीं कर सकते है, मतलब अगर आपकी प्रॉपर्टी को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दिया गया तो आप सिविल कोर्ट में नहीं जा सकते हैं...
आप बाध्य होंगे वक्फ ट्रिब्यूनल में जाने के लिए और वक्फ ट्रिब्यूनल की कंपोजिशन ख़तरनाक है, और इसमें पॉलिटिकल अफेयर काम करेगा, क्यों की इसमें एक ब्यूरोक्रेट बैठा है, तो बहुमत फैसला २-१ हो जायेगा.
Sec (89)
इसमे अगर आप आप सिविल कोर्ट जाना चाहते है तो आपको वक्फ बोर्ड को २ महीने का नोटिस देना पड़ेगा.
Sec (101)
यह जानकर आप दंग रह जाएंगे की वक्फ बोर्ड के मेंबर public servant हैं...
क्या किसी मठाधीश, शंकराचार्य, पंडित पुरोहित को पब्लिक सर्वेंट माना गया है...?
Sec (107)
इसके तहत वक्फ बोर्ड पर कोई पाबंदी नहीं है, वो कभी भी वक्फ प्रॉपर्टी को चैलेंज कर सकती है, और इसी के तहत हम places of worship act १९९१ को इस से तुलना करे तो हमारे पास ऐसा कोई आधिकार नहीं है...
इस तरह करके रेलवे और डिफेंस के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास है, यह रिकॉर्ड आंध्र प्रदेश high court के हैं, एसोसिएशन ऑफ आंध्र प्रदेश सैफा नाजिम V/S यूनियन ऑफ इंडिया 2009, वक्फ बोर्ड के पास 4 लाख एकड़ प्रॉपर्टी है, अबतक वक्फ ने 6,59,877 प्रॉपर्टी को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दिया है.