2022 में अनशन के बाद अब एससी एसटी वर्ग के युवाओं ने छत्तीसगढ़ में विधानसभा के सामने किया नग्न प्रदर्शन। फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने और आरक्षण वाली सीटों पर गैर आरक्षण वाले लोगों को नौकरी देने का मामला। आखिर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने युवाओं को नंगा कर ही दिया!
रायपुर की सड़कों पर 50 से भी अधिक SC-ST युवकों ने विरोध प्रदर्शन किया। ये युवक पूरी तरह नंगे होकर नारेबाजी कर रहे थे, आसपास से गुजरने वाले लोग भी इन्हें देख कर आश्चर्यचकित थे। पुलिस-प्रशासन इन्हें हटाने के लिए प्रयास करता रहा। इन युवकों का कहना है कि आरक्षित सीटों पर बिना आरक्षण वाले अभ्यर्थियों को नौकरी दे दी गई है। इन युवकों ने अमानसिवनी से विधानसभा की तरफ मार्च किया। इन्होंने अपने हाथों में तख्तियाँ ले रखी थीं।
विधानसभा के पास बैरिकेडिंग कर के पुलिस तैनात थी, जिसने प्रदर्शनकारी युवकों को हिरासत में ले लिया। युवकों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में गैर-आरक्षित लोग ऊपर से नीचे तक नौकरियों में आरक्षित सीटों पर कब्जे किए बैठे हैं।
कॉन्ग्रेस इसे डॉ रमन सिंह के मुख्यमंत्रीत्व काल का मामला बता रही है, जबकि युवक पूछ रहे हैं कि साढ़े 4 सालों में कॉन्ग्रेस ने इस पर क्या किया। मई 2022 में इन युवकों ने इसी मामले को लेकर अनशन भी किया था।
भाजपा के राष्ट्रीय अनुसूचित जाति मोर्चा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ में अनुसूचित वर्गों के साथ शोषण का दर दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा हैं! विधानसभा के मॉनसून सत्र के बीच राजधानी की सड़कों पर एसटी-एससी वर्ग के युवाओं ने नग्न प्रदर्शन किया गया है। मंत्रियों का काफिला सड़कों से गुजर रहा था। फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने वालों पर कार्रवाई की माँग को लेकर एससी-एसटी वर्ग के युवाओं ने ये प्रदर्शन किया है।”