उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से ऐसा शर्मनाक मामला सामने आया जिसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है लेकिन यह केवल शर्म की बात नहीं आती भी तो यह अत्यंत ही गंभीर मामला है क्योंकि जिस कट्टरपंथी सोच के कारण इस जिहादी आरिफ ने इस घटना को अंजाम दिया वह कट्टरपंथी सोच भारत के लिए कितनी भयानक बनती जा रही है और भविष्य में इसकी कितनी भयावहता हमारे सामने आएगी यह गंभीर विचार का मुद्दा है
वैसे यह घटना साफ-साफ समझ आती है कि यह किसी के सगे नहीं या अपने मां, बाप, भाई, बहन, भाभी सबके लिए खतरा है।
लेकिन दुर्भाग्य ऐसी बातों पर ना तो माननीय सुप्रीम कोर्ट का ध्यान जाता है नाही हमारे देश के नेताओं का। बुद्धिजीवी और बड़े बड़े अधिकारियों के पास तो समय ही नहीं है कि इस मानसिकता पर वह कोई टिप्पणी भी करें आखिर उनके एजेंडे के खिलाफ जो है..
अब सरकार, प्रशासन ,सुप्रीम कोर्ट ,बुद्धिजीवी यह सब तो अपने एजेंडे के अनुरूप चल रहे हैं लेकिन देश की जनता को इस मानसिकता से बहुत ज्यादा सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। यह जिहादी मानसिकता बहुत अंदर तक घुस चुकी है और इसकी भयावहता बहुत ज्यादा खतरनाक है। इसलिए इस मानसिकता का विरोध करना चाहिए, इसका बहिष्कार करना चाहिए, अपने सभी परिजनों को अपने बच्चों को इस मानसिकता से अवगत कराना चाहिए और इस मानसिकता से , इस कट्टरपंथी मजहब से अपनी और अपनों की सुरक्षा के प्रबंध खुद करना चाहिए
क्या है हैवान आरिफ का मामला. Opindia
घटना बुधवार (19 जुलाई 2023) की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रयागराज के करेली थाना क्षेत्र के गौस नगर इलाके में मोहम्मद आरिफ अपने परिवार के साथ रहता है। बुधवार को अचानक ही इस घर से चीख-पुकार की आवाज सुनाई देने लगी। ये आवाजें मोहम्मद आरिफ की अम्मी अनीशा बेगम और बहन निकहत जहाँ की थी। इन दोनों को आरिफ फरसे से काट रहा था। दोनों की थोड़ी ही देर में मौत हो गई। इन्हें बचाने के लिए आरिफ का अब्बा मोहम्मद कादिर दौड़े तो उनको भी फरसा मारकर घायल कर दिया।
इस बीच मामले की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुँची। पुलिस को देखते ही आरिफ़ घर के सभी गेट बंद कर छत पर चढ़ गया। इसी दौरान उसने घर का सिलेंडर खोल आग लगा दी। वह ‘अल्लाहू अकबर’ के नारे लगा रहा था। उसने छत से ही पुलिस पर तेजाब की बोतलें और पत्थर फेंकी। पुलिस के आगे हवा में फरसा लहराता रहा। लगभग ढाई घंटे की मशक्क्त के बाद उसे गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली। इस दौरान पुलिस को आँसू गैस के गोले भी दागने पड़े।
आँसू गैस के गोलों से आरिफ बेहोश हो गया। इस दौरान पुलिस ने घर में मौजूद आरिफ के भाई आज़म के बीवी और बच्चों की जान बचा ली। होश में आने पर आरिफ से जब पुलिस ने परिजनों पर हमले की वजह पूछी तो उसने जवाब में कहा- मौत का मंजर देखना चाहता हूँ। खुद को घटना का चश्मदीद बताते हुए आरिफ के भाई मोहम्मद आजम ने दावा किया कि हमले के दौरान 2 अन्य अज्ञात लोग भी सके भाई के साथ थे। आज़म ने बताया कि आरिफ पैतृक घर बेचकर पैसे माँग रहा था। साथ ही अब्बा का पेंशन भी हड़पना चाहता था।
मोहम्मद आज़म के मुताबिक आरिफ अक्सर मोबाइल में ISIS के वीडियो देखा करता था। आतंकी संगठन के लेख पढ़ता था। इससे उसे अपने ही परिवार से इतनी नफरत हो गई थी कि वह अक्सर घर वालों के खाने में मल-मूत्र डाल दिया करता था। शादीशुदा आरिफ 6 वर्षीया बेटी का अब्बा है। उसकी बीवी नौशी सरकारी प्रेस में नौकरी करती है।
मोहम्मद आज़म ने यह भी बताया कि आरोपित आरिफ प्रयागराज के उस नामी बॉयज हाई स्कूल (BHS) से पढ़ा है, जहाँ कभी अमिताभ बच्चन पढ़ा करते थे। इसके बाद उसने इलाहबाद यूनिवर्सिटी से बी कॉम किया। आरिफ ने कोई नौकरी नहीं की। उसने लम्बे समय तक आस-पास के बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाया है। पुलिस का कहना है कि आरिफ ने पहले भी अपने परिवार पर हमला किया था। घटनास्थल से चाकू, छुरी, कुल्हाड़ी और तेजाब की बोतलें भी बरामद हुई है। हमले में परिवार के कुछ लोग घायल भी हुए हैं जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।