झारखंड के बोकारो से एक कॉन्वेंट स्कूल का मामला सामने आया जिसमें छात्र को कलावा (मौली) बाँधने पर टीचर द्वारा पीटने का मामला सामने आया है। पिटाई के बाद बने दबाव से पीड़ित छात्र ने अपने कलावे को ब्लेड से काट कर फेंक दिया।
हिंदुओं के सामने ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां कॉन्वेंट स्कूलों में हिंदू धर्म का अपमान होता है, ईसाइयत सिखाई जाती है, हिंदुओं के प्रतीक चिन्हों से नफरत की जाती है, तिलक कलावा हटवाया जाता है, बिंदी हटाई जाती है लेकिन फिर भी यह हिंदू सुधरने और संभलने को तैयार नहीं यह अपने बच्चों को भेजेंगे इन कान्वेंट स्कूलों में ही...
हमारे मतानुसार यह कान्वेंट स्कूल तो अपना काम कर रहे इनका तो काम ही अपने धर्म का प्रचार करना है लेकिन हिंदू गहरी नींद में सो रहे हैं वह अपने धर्म का पालन और प्रचार-प्रसार तो दूर वह यह तक नहीं समझ रहे कि अपने धर्म का अपमान होने से कैसे रोका जाए अपने धर्म के विरोधियों का कैसे बहिष्कार किया जाए उनसे कैसे दूरी बनाई जाए?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला बोकारो के थर्मल क्षेत्र में मौजूद कार्मेल स्कूल का है। यहाँ मंगलवार को क्लास 9 में पढ़ने वाला छात्र मौली (कलावा) बाँध कर स्कूल गया था। तभी क्लास के मॉनिटर ने छात्र द्वारा कलावा पहनने की शिकायत स्कूल के एक टीचर अमित लकड़ा से कर दी। शिक्षक अमित ने छात्र पर कलावा उतारने का दबाव बनाया। जब छात्र ने इसे अपनी धार्मिक आस्था बताया तब अमित लकड़ा ने उसकी पिटाई कर दी। बाद में छात्र को इतना मजबूर किया गया कि उसे खुद ही ब्लेड से कलावा काट कर फेंकना पड़ा।
पीड़ित छात्र ने घर पहुँच कर परिजनों को इस घटना की जानकारी दी। यहाँ से यह मामला स्थानीय हिन्दू संगठन से जुड़े लोगों की जानकारी में आया। अगले दिन बुधवार (19 जुलाई) को हिन्दू संगठनों से जुड़े दर्जनों कार्यकर्ता स्कूल पहुँच गए। उन्होंने प्रिंसिपल सिस्टर जायस कुल्लू से इस घटना को हिन्दू आस्था पर प्रहार बताते हुए कार्रवाई की माँग की। प्रिंसिपल ने जाँच करवाकर आरोपित टीचर के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया है। हिन्दू संगठन के सदस्यों ने इस घटना से बोकारो के DC (उपयुक्त) को भी अवगत करवाया है। स्थानीय SDM प्रशांत कुमार ने मामला संज्ञान में होने और जाँच जारी होने की जानकारी दी है।
घटना से स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अन्य अभिभावक भी नाराज बताए जा रहे हैं। पीड़ित द्वारा प्रिंसिपल के अलावा मामले की शिकायत जिला शिक्षा पदाधिकारी से भी की गई है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री डॉक्टर प्रदीप वर्मा ने कुछ समय पहले झारखंड के ही एक स्कूल में बिंदी लगाने पर छात्रा तो आत्महत्या के स्तर तक मिली प्रताड़ना से इस घटना से जोड़ा। साथ ही उन्होंने सवाल किया है कि सनातनी प्रतीक चिन्हों से इतनी चिढ़ क्यों है?