GEETA VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय ४ ज्ञानकर्म सन्यास योग श्लोक १०
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आज का पंचांग
बुधवार १९/०७/२०२३
श्रावण शुक्ल २ , युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया 20 जुलाई प्रातः 04:30 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅दिनांक - 19 जुलाई 2023
⛅दिन - बुधवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - वर्षा
⛅मास - अधिक श्रावण
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - पुष्य सुबह 07:08 तक तत्पश्चात अश्लेषा
⛅योग - वज्र सुबह 10:26 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅राहु काल - दोपहर 12:46 से 02:26 तक
⛅सूर्योदय - 06:05
⛅सूर्यास्त - 07:27
⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:40 से 05:22 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:07 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - चन्द्र-दर्शन (शाम 07:27 से रात्रि 08:48 तक)
⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹धन आरोग्य एवं शांति की प्राप्ति के लिए🔹
🔸जो व्यक्ति चतुर्मास में अथवा अधिक मास ( पुरूषोत्तम ) में भगवान को कनेर के पुष्प अर्पित करता है, उस पर लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती हैं । उसे आरोग्य एवं शांति की प्राप्ति होती है तथा उसके संकट दूर होते हैं ।
🔸मनोबल व आत्मबल वृद्धि हेतु🔸
🔹जो किसीके सामने बोलने में हिचकिचाते या भय करते हैं, वे रोज सोते समय फिटकरी के चूर्ण से दाँत साफ करें व बुधवार को देशी गाय को हरी घास खिलाएं । इससे उनमें मनोबल बढ़ेगा व हिचकिचाहट भी कम होगी ।
🔹इससे भी सरल और उत्तम उपाय जो मनोबल तो क्या सीधे आत्मबल जगाता है, वह है रोज १०-१५ मिनट या अधिक ॐकार का दीर्घ (लम्बा) गुंजन करना । साथ में आश्रम की समितियों के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध ‘निर्भय नाद’ व ‘जीवन रसायन’ पुस्तकों का पठन, मनन भी करें तो सोने में सुहागे का काम करेगा ।
🌹 “जब डर लगे तो अपने शुद्ध ‘मैं’ की ओर भाग जाओ या दौड़ के आओ । ‘हो-होकर क्या होगा ? मैं निर्भीक हूँ । ॐ....ॐ.....ॐ.... मैं अमर आत्मा हूँ । हरि ॐ.....ॐ....ॐ....’ ऐसा चिन्तन करो तो भय भाग जाएगा ।”
🔹छः बातों से बचो🔹
🔸देवर्षि नारद ने गालव ॠषि से कहा है: “चाहे साधु हो या सर्वसामान्य व्यक्ति, सभी को इन छ: बातों से बचना चाहिए":
1. रात को घूमना ।
2. दिन में नींद लेना ।
3. आलस्य का आश्रय लेना ।
4. चुगली करना ।
5. गर्व करना ।
6. अति परिश्रम करना अथवा परिश्रम से बिल्कुल दूर रहना । क्योंकि अधिक परिश्रम से साधन भजन की क्षमता बिखर जायेगी और अधिक आराम से आलस्य आयेगा ।
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