देश के अनेकों मंदिरों से लगातार खबर आ रही है को अब मंदिरों में लोगों को सभी कपड़े पहनकर आने के लिए कहा जा रहा है, और मंदिरों के ऐसे फैसलों का जोरदार सराहना तथा समर्थन भी हो रहा है और समस्त सनातनी धर्मप्रेमियों को ऐसे फैसले का समर्थन करना चाहिए तथा अपने क्षेत्र के मंदिर में भी ऐसे निर्णय को लागू करवाना चढ़िए।
अब खबर जयपुर और जम्मू से 👍
कुछ लोगों को मंदिरों को दिव्यता, भव्यता और गरिमा को सुरक्षित रखने तथा भक्तों को सुसंकृत करने वाले निर्णयों से आपत्ति हो रही है, और आपत्ति क्या भयानक पीड़ा हो रही है लेकिन उन लोगों की संख्या इनसे कहीं ज्यादा है जो ऐसे निर्णय का समर्थन कर रहे हैं और देशभर के हर मंदिर में ऐसे निर्णय को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
देश के हर सनातनी धर्म प्रेमी को ऐसे निर्णय की जैसी भी संभव हो सराहना करनी चढ़िए और लोगों को तथा अन्य मंदिरों को प्रेरित भी करनी चहिए
क्या है मामला - opindia
जम्मू स्थित एक मंदिर के पुजारी ने यहाँ दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पहनावे को लेकर गाइडलाइन जारी किया गया है। श्रद्धालुओं को मंदिर के भीतर सिर ढँककर आने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही मंदिर में छोटे कपड़े पहनकर आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
जम्मू के बावे वाली माता मंदिर ने भक्तों से अपने सिर को ढँकने और परिसर में शॉर्ट्स, कैपरी पैंट आदि पहनने से परहेज करने का आग्रह किया है। मंदिर के महंत बिट्टा ने कहा, “हम लोगों से शॉर्ट्स पहनकर न आने की अपील कर रहे हैं और हमें अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। भक्तों को अच्छे कपड़े पहनने चाहिए और मंदिर के अंदर अपना सिर ढँकना चाहिए।”
जम्मू शहर के बाहू किला क्षेत्र स्थित इस काली मंदिर के गेट पर इस संबंध में नोटिस चिपकाया गया है। नोटिस में लिखा है कि ‘मंदिर की मर्यादा बनाए रखने में हमारा साथ दें और अनुशासन का पालन करें’। इसके साथ ही नोटिस में श्रद्धालुओं से हाफ पैंट, बरमूडा, शॉर्ट्स, मिनीस्कर्ट, नाइट सूट, कटी-फटी जींस और कैपरी पैंट आदि पहनकर नहीं आने के लिए कहा गया है।
पुजारी महंत बिट्टा ने कहा कि यह आदेश नहीं, बल्कि सलाह है। उन्होंने कहा कि लोगों ने मंदिर को पिकनिक स्थल बना दिया है। इसी को देखते हुए ऐसा कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि मंदिर में आने वाले सभी भक्तों से अनुशासन बनाए रखने का अनुरोध किया गया है।
बिट्टा ने कहा कि श्रद्धालु निक्कर या कैपरी पहन कर आ रहे हैं। महिलाएँ बिना सिर ढँके खुले केश के साथ पहुँच रही हैं। ऐसे श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर में धोती, रुमाल और महिलाओं के लिए चुनरियाँ रखी गई हैं। यह सब धार्मिक स्थलों पर अनुशासन बनाए रखने के लिए किया गया है।
श्रद्धालुओं ने मंदिर के इस निर्णय का स्वागत किया है। उत्तर प्रदेश से आए श्रद्धालु धनंजय ने कहा, “हिंदू संस्कारों के पुनर्रुद्धार के लिए यह अच्छा कदम है।” श्रद्धालु मनमीत कौर बोलीं, “मैं फैसले का स्वागत करती हूँ। इस आदेश को पूरी तरह लागू किया जाना चाहिए।”
जम्मू-कश्मीर के राजपरिवार से संबंध रखने वाले कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉक्टर कर्ण सिंह ने मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए ‘ड्रेस कोड’ लागू किए जाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इन पवित्र स्थानों पर आने वाले लोगों को शालीन कपड़े पहनकर आना चाहिए।
राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित झारखंड महादेव मंदिर में भी भक्तों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। इसमें रिप्ड जींस, शॉर्ट्स, फ्रॉक, नाइट सूट और मिनी स्कर्ट पहनने से परहेज करने के लिए कहा गया है। एक भक्त ने कहा, “यह एक अच्छा निर्णय है। इससे सनातन संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
झारखंड महादेव मंदिर में लिखा गया है कि सभी महिला और पुरुष भक्त मर्यादित कपड़े पहनकर आएँ। छोटे वस्त्र- हाफ पेंट, बरमूडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, कटे फटे जीन्स, फ्रॉक आदि पहनकर आने पर बाहर से ही दर्शन करें।