जो कर्म किया जा चुका है किंतु फलित नहीं हुआ है वह संचित कर्म है।
यही जो संचित हो चुका है, जब फल देने लगता है, तो भाग्य कहलाता है।
किसी को भी बिना मेहनत जीत नहीं हासिल होती,
परंतु किस्मत आपका साथ नहीं देगी, तो आपकी हर मेहनत भी व्यर्थ जाएगी।
कहते हैं ना कि जब आदमी सही वक्त पर, सही जगह मौजूद होता है तो उसके सभी काम बन जाते हैं।
आम इंसान इसे किस्मत का नाम देता है।
हकीकत यह है कि सही वक्त पर सही जगह होने के लिए आपको कर्म भी सही करना पड़ेगा
आपने घर पर बैठे यह सोच लेना कि किस्मत में होगा तो मिल जाएगा आपके काम नहीं आने वाला।
किस्मत सिर्फ ज्योतिषियों द्वारा बताई गई सितारों की चाल नहीं जो आपका जीवन बदल देगी, आपको भी स्वयं मेहनत करनी पड़ेगी।
सही दिशा निर्देश एवं उचित कर्म द्वारा भाग्य को नियंत्रित किया जा सकता है तथा संशोधित भाग्य व्यक्ति की जीवन की सुख सुविधाएं बढ़ाता है।
जय गुरुदेव 🙏🏼🕉️🚩💐
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