जय भीम ~ जाय मीम | बिहार पुलिस जिंदाबाद
हिंदुओं के प्रति इन शांतिप्रियों में कितनी घृणा है ये आप सोचना भी चाहेंगे तो भी इस घृणा के पैमाने तक नहीं पहुंच पाओगे। पासवान समाज के शव का मुसलमानों ने अंतिम संस्कार करने से तो रोका ही उल्टा शव को पीटा और उसे फेंक दिया... लेकिन सारे जय भीम जय मीम वाले खामोश हैं, सारा मीडिया चुप है , खबर छाप भी रहे हैं तो अपराधियों की आइडेंटिटी और नाम छुपाकर
पूरा समाचार पढ़कर देख लीजिए। ‘दूसरा समुदाय’ जो कि मुस्लिम है, उसके आरोपित होने के बाद भी समाचार पत्र ने अपने मुख्य रिपोर्ट में एक का भी नाम नहीं लिखा है। पासवान समाज का शव था, दाह संस्कार नहीं करने दिया गया। शव को पीटा, फेंक दिया, ऐसा समाचार का शीर्षक है।
अब सोच लो हिद्नुओं इनका इको सिस्टम कितना मजबूत है और हिंदुओं से इन्हें कितनी घृणा है, और हां हिंदुओं में वो SC ST भी इनकी घृणा के ही पात्र हैं जो जय भीम जय मीम से आते हैं, क्योंकि हैं तो वो भी काफिर ही..
अब इस दैनिक भास्कर की दोगला पंती इसकी ही एक अन्य खबर से देखिए जिसमें अपराधी मुस्लिम ना होकर हिंदू हैं तो हेडलाइन क्या होती है.👇👇
बिहार के दरभंगा जिले के कमतौल थाना क्षेत्र के हरिहरपुर पूर्वी पंचायत के धर्मपुर मालपट्टी गांव में शव के अंतिम संस्कार में एक विशेष समुदाय के लोगों के द्वारा जमकर बवाल मचाया गया। उपद्रवियों ने जहां एक ओर शव को पूरी तरह से जलने नही दिया। वही दूसरी तरह तनाव के देखते हुए मौके पर पहुंची पुलिस पर पथराव कर लगभग आधा दर्जन गाड़ी को क्षति कर दिया। वहीं जब इस बात की जानकारी वरीय अधिकारी को लगी तो, दरभंगा के जिलाधिकारी व वरीय पुलिस अधीक्षक सहित कई थाना की पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले को शांत किया।
पूरा बवाल श्मशान घाट की 22 कट्ठा जमीन को लेकर हुआ। पासवान समुदाय के लोगो का कहना है कि शमशान की यह भूमि हमलोगों के पुरखों का है। यहां पर वर्षो से हिन्दू समाज के लोगो का अंतिम संस्कार होते आया है। लेकिन रविवार की रात अचानक एक समुदाय के लोग यहां पर आकर अपने समुदाय की जमीन बताकर हंगामा करने लगे और अंतिम संस्कार में रुकावट पैदा करते हुए अंतिम संस्कार में आये लोगों के साथ मारपीट करने लगे। जिसके बाद इस घटना की सूचना हम कमतौल थाने पुलिस को दी गई। उपद्रवियों ने श्मशान घाट पर आई गाड़ियों को क्षतिग्रस्त किया तथा मौके पर पहुंची पुलिस पर भी पथराव किया। जिसमें लगभग एक दर्जन लोग घायल हुए हैं।
इस घटना को लेकर मृतक के पुत्र फेकू पासवान ने बताया हम अपने पिता स्व. श्रीकांत पासवान का शव लेकर शमशान आए थे। इसे देखकर वहां पर मौजूद उपद्रवियों ने शव को अन्य जगह जलाने की बात कर अंतिम संस्कार करने से रोकने लगे और हम लोगों के साथ बदतमीजी करने लगे। कुछ उपद्रवियों ने हमारे पिताजी के शव को गड्ढे में फेंक दिया। साथ ही हमलोगों के साथ मारपीट करने लगे। इस दौरान उनलोगो हमलोगों के ऊपर पथराव करते हुए मुखिया की गाड़ी को भी आग लगा दिया। बाद में भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार किया गया।