मामला 10 मई 2023 का है, लेकिन हर तरफ शांति नजर आ रही है। वही प्रवेश शुक्ला का मामला तो आपने देखा ही होगा जहां ये जनजातीय व्यक्ति पर प्रवेश शुक्ला ने पेशाब किया था (मामला पुराना है लेकिन वीडियो अब वायरल किया गया) इस मामले में विपक्ष ने MP सरकार पर जमकर हमला किया, अनेकों नेताओ के अलावा मीडिया, मानवतावादी सभी न्याय की मांग कर रहे थे और मेहनत सफल हुई न्याय मिला, अपराधी को सजा मिली और पीड़ित से खुद CM ने चरण धोकर क्षमा मांगी।
लेकिन फतेहपुर का मामला कहीं अधिक जघन्य अपराध होने के बाद भी वंचित है, एक बेसहारा महिला को आवास योजना यानी सरकारी योजना का झांसा देकर मुसलमानों ने बुलाया और उनकी सच्चाई से अनभिज्ञ महिला इनपर भरोसा कर चली गई (इसीलिए हिंदुओं को बार बार समझाया जाता है की जेहादियों को पहचानो और उनसे दूरी बनाओ, उनका पूर्ण रूप से बहिष्कार करो और अपनी रक्षा के लिए प्रबंध करो) महिला के विश्वास का उन हैवानों ने ये सिला दिया की इस महिला का चलती गाड़ी में गैंग रेप किया और जब प्यास लगने पर महिला ने पानी मांगा तो मुंह में हैवानों ने पेशाब कर दिया और अश्लील वीडियो भी बना लिया।
फिर महिला को धमकी दी की यदि शिकायत की या किसीको बताया तो वीडियो वायरल करेंगे और जान से मार देंगे।
ऊपर वीडियो में आप देख सकते हैं की महिला कहती है की कोर्ट जाकर हैवानों के खिलाफ मामला दर्ज करवाना पड़ा क्योंकि पुलिस ने संज्ञान नहीं लिया और FIR कोर्ट के आदेश के बाद की। वीडियो बना तब तक तथा अपुष्ट जानकारी के अनुशार अब तक भी पीड़िता को न्याय भी नहीं किला बल्कि हैवान उसे मार देने की धमकी देते रहे।
क्या लगातार हो रहे ऐसे मामले भारत की कानून और न्याय व्यवस्था पर एक काला धब्बा नहीं हैं? आखिर क्यों अपराधियों को कड़ी सजा नहीं मिलती जिससे उनमें भय व्याप्त हो और वो अपराध करने से डरें जिससे अपराध कुछ कम हो सकें?
रही बात राजनीति की तो प्रवेश मामले में हो हल्ला करने वाले इस मामले की चुप हैं किससे उन सभी दोगलों को आसानी से पहचाना जा सकता है।
हमारा सरकार से यही निवेदन है की पेशाब कांड के अनुशार इन दुष्ट हैवानों पर NSA लगे, बुलडोजर कार्यवाही हो और एक महिला का धोखे से गैंग रेप करने के लिए इन्हें फांसी की सजा या सरिया के अनुरूप दंडित किया जाय।