वैसे एक बात ध्यान देने वाली है की जिन लोगों को वंदे भारत का रंग बदलने से दिक्कत हुई है उन्हें वंदे भारत पर दुष्ट देशद्रोही जेहादियों द्वारा पत्थर फेंके जाने पर दिक्कत नहीं होती और ये वही लोग हैं जो एक तरफ तो भाईचारे की कहानी सुनाते हैं और दूसरी तरफ भगवा रंग से नफरत करते हैं, गौमाता की हत्या को वकालत करते हैं, हिंदू त्योंहार, तीर्थ सभी पर इन्हें बड़ी दिक्कत होती है।
रेलवे ने नए रंग को लेकर एक बात और भी कहीं "रेलवे ने कहा- पुराना पेंट जिसमें ज्यादातर हिस्सा सफेद था, उसका रखरखाव करना मुश्किल है और उन्हें रोजाना साफ करना पड़ता था।”
रेल मंत्री ने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों में 25 सुधार लागू किए गए हैं। समीक्षा के दौरान केंद्रीय मंत्री ने ‘एंटी-क्लाइंबर्स’ या ‘एंटी-क्लाइंबिंग डिवाइस’ नामक एक नई सुरक्षा सुविधा पर भी चर्चा की। इसे आगे सभी ट्रेनों में लगाया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, “यह मेक इन इंडिया की एक अवधारणा है, (जिसका अर्थ है) भारत में हमारे अपने इंजीनियरों और तकनीशियनों द्वारा डिजाइन किया गया है। इसलिए वंदे भारत के संचालन के दौरान एसी, शौचालय आदि के संबंध में हमें फील्ड इकाइयों से जो भी फीडबैक मिल रहा है, उसके आधार पर डिज़ाइन में बदलाव किया जा रहा है।”
वंदे भारत ट्रेन की अब वाली ट्रेनों का रंग केसरिया करने को लेकर सोशल मीडिया पर लोग खुश हैं।
वहीं, AltNews के मोहम्मद जुबैर जैसे लोग भगवा रंग देखकर ही भड़क गए हैं। इसको लेकर वे तरह-तरह का कटाक्ष कर रहे हैं। जुबैर ने एक ट्वीट किया, “इस वंदे भारत में हरा रंग ‘अच्छे दिन’ की तरह है।”
जय हिंद जय भारत
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