देश में जगह जगह इस प्रकार की हरकतें हो रही हैं, एक तो दिन में 5 बार भोंपू बजाकर ये देश भर में लोगों को परेशान करते हैं जिसकी अनेकों बार शिकायत भी जो चुकी है और दूसरा ये सड़कों , बस डिपो, रेलवे स्टेशन सभी जगह पर मजार बना लेते है (जो वास्तव में हराम हैं... ऐसा कई मौलाना एवं इस्लामिक स्कॉलर बोल चुके हैं) और सार्वजनिक स्थलों पर नमाज भी पढ़ते हैं। क्या ये सब करके ये लोगों को उकसाना चाहती है? और ये इतने ही शांतिप्रिय हैं तो आखिर लोगों को जो नहीं पसंद वो क्यों करते हैं? नमाज , अजान जो करनी है वो अपने घरों पर या मस्जिद आदि में करो, सार्वजनिक स्थलों पर करके क्यों दूसरों को परेशान करते हो।
प्रशासन भी इन्हें रोकने में विफल है , लेकिन हिंदुओं को रोकने के लिए सदैव तत्पर रहता है। गुरुग्राम में जहां एक कैफे में हनुमान चालीसा और भजन हिंदू युवा करते थे उससे भी प्रशासन को बड़ी समस्या हुई थी और उसे कैफे के मालिक को पुलिस ने ये सब करने से कई बार रोका भी।
अब पनवेल में रेलवे स्टेशन पर नमाज हुई तो प्रशासन इन्हें रोक सके ऐसी हिम्मत तो है नहीं इसलिए मनसे ने स्टेशन पर महाआरती की अनुमति मांगी लेकिन वो उन्हें नहीं मिली। वैसे MNS भी दिखावा हो कर रहा है, क्योंकि उन नमाज पढ़ने वालों ने कौनसे प्रशासन से अनुमति मांगी थी? और अब इनपर कौनसी कार्यवाई हो गई?
क्या है पूरा मामला - OPINDIA
महाराष्ट्र के पनवेल रेलवे स्टेशन पर नमाज पढ़ने की एक वीडियो 7 जुलाई को सोशल मीडिया पर सामने आई थी। वीडियो देखने के बाद इस पर कई हिंदुओं ने सवाल उठाए। वहीं नवनिर्माण सेना ने वीडियो देख उसी जगह महा आरती करने की बात की। हालाँकि प्रशासन ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि पनवेल रेलवे स्टेशन पर खड़े होकर 4-5 लोगों द्वारा नमाज पढ़ी जा रही थी। जिसे किसी यात्री ने रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया पर डाला और बाद में ये वीडियो तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
मामला संज्ञान में आने के बाद रेलवे ने केस में जाँच करने को कहा है। रेलवे अधिकारियों ने स्वीकार किया कि वीडियो पनवेल स्टेशन का है, लेकिन जाँच होने तक कोई बयान देने से इनकार कर दिया। वहीं एमएनएस नेता इस बात से नााराज हैं कि जब नमाज पढ़ने पर अभी कोई एक्शन नहीं हुआ तो आखिर आरती से क्या दिक्कत है।
नवी मुंबई के पनवेल स्टेशन पर नमाज अदा करने की घटना के बाद स्थानीय मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) के नेता योगेश चिली ने कहा था, “भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार किया जाता है। अगर मुसलमानों को मंच पर नमाज अदा करने की अनुमति है, तो हिंदुओं को भी महाआरती करने की अनुमति दी जानी चाहिए। मैं पनवेल के सभी हिंदुओं से अपील करता हूँ कि वे 7 जुलाई 2023 को शाम 7 बजे पनवेल रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म पर महाआरती में शामिल हों।”
हालाँकि, रेलवे अधिकारियों ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसके बाद मनसे के कई सदस्यों ने रेलवे अधिकारियों से मुलाकात कर महाआरती की अनुमति माँगी। लेकिन उनके प्रयासों के बावजूद, रेलवे अधिकारी अपने इनकार करते रहे।
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योगेश चिले को रेलवे फोर्स ने कहा, “जय हिंद सर, 5 जुलाई 2023 को पांच लोगों का एक समूह रात आठ बजकर 36 मिनट पर एक लोकल ट्रेन से पनवेल स्टेशन आया। वे ट्रेन नंबर 22150 (पुणे एर्नाकुलम एक्सप्रेस) में सवार होने के लिए पनवेल स्टेशन आए थे, जो अगले दिन सुबह 03.17 बजे स्टेशन पर आई थी। जब वे पनवेल स्टेशन पर अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, तब उन्होंने डीलक्स पे के पास रात 09.12 बजे नमाज अदा करना शुरू कर दिया और स्टेशन क्षेत्र में बाथरूम का उपयोग किया। इसके बाद उन्हें स्टेशन क्षेत्र में इंतजार करते और ट्रेन नंबर 22150 में शांतिपूर्वक चढ़ते हुए देखा गया।”