अब एक बार फिर जुबैर फेक न्यूज़ फैलाकर लड़ाई को सांप्रदायिक रंग देते पकड़ा गया।
खबर के पहले एक प्रश्न उठता है की जब फेक खबर, वीडियो फैलाने पर मनीष कश्यप पर NSA लगाई जा सकती है तो आखिर जुबैर पर कोई ठोस कार्यवाही क्यों नहीं होती, जबकि वो तो बार बार गलत काम करते पकड़ा जाता है
ग्वालियर मध्यप्रदेश में एक साधारण लड़ाई का मामला सामने आया जिसे जुबैर ने सांप्रदायिक रंग देते हुए अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया मोहम्मद जुबैर ने शनिवार (8 जुलाई 2023) को एक वीडियो ट्वीट किया और लिखा , “मध्य प्रदेश के ग्वालियर का वीडियो। इसमें गोलू गुर्जर और उसके दोस्तों को मोहसिन को चप्पलों से पीटते हुए और गाली देते हुए पैरों को चाटने के लिए विवश करते हुए देखा जा सकता है।”
इस मामले पर ग्वालियर पुलिस ने बयान जारी किया ,ग्वालियर एसपी ने पुलिस का जो बयान शेयर किया, उसमें लिखा है कि वायरल वीडियो का पुलिस ने संज्ञान लिया, जिसमें 4 चार लोग 2 लोगों के साथ कार में मारपीट कर रहे हैं। पुलिस ने चारों युवकों के खिलाफ अपहरण और मारपीट का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि इनमें से दो आरोपितों को पकड़ लिया गया है और बाकी दो आरोपितों को पकड़ने के लिए पुलिस टीम को लगाया गया है। जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें मुख्य आरोपित भी शामिल है।
इसके बाद पुलिस ने आगे कहा, “वायरल वीडियो में देख रहे पीड़ित व उसके साथियों द्वारा पूर्व में दिनांक 21 मई 2023 को थाना डबरा क्षेत्र में आरोपितों के साथ मारपीट की गई थी, जिसमें थाना डबरा में अपराध पंजीबद्ध कर चालानी कार्यवाही की गई है।”
ग्वालियर एसपी के ट्वीट को शेयर करते हुए मोहम्मद जुबैर ने पुलिस के बयान को तोड़मरोड़ कर परोस दिया और एक बार फिर झूठ फैला दिया। मोहम्मद जुबैर ने लिखा, “अपडेट: 4 में 2 को गिरफ्तार कर लिया गया। वायरल वीडियो में दिख रहे पीड़ित (यानी मोहसिन) को आरोपितों ने पहले भी (21 जुलाई 2023) प्रताड़ित किया था।”
मोहम्मद जुबैर ने पुलिस के बयान से उलट, पूरी तरह से झूठ फैलाया है। पुलिस ने कहा कि वायरल वीडियो में देख रहे पीड़ित व उसके साथियों (यानी मोहसिन और उसके साथियों) ने 21 मई 2023 को थाना डबरा क्षेत्र में आरोपितों (गोलू गुर्जर और उसके साथी) से मारपीट की थी।
पुलिस के बयान से साफ है कि यह मामला पूरी तरह मारपीट का है। पहले मोहसिन ने अपने साथियों के साथ मिलकर गोलू गुर्जर और उसके साथियों को मारा और बाद में गोलू गुर्जर को मौका मिला तो उसने मोहसिन के साथ मारपीट की। मारपीट की साधारण घटना को जुबैर ने सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की और वह भी झूठ बोलकर।
हालाँकि, ये ट्वीट अब जुबैर के हैंडल पर मौजूद नहीं हैं, लेकिन उसके द्वारा फैलाए गए झूठ को 51 हजार से अधिक लोग देख चुके थे और 170 लोग रिट्वीट भी कर चुके थे। इस मामले को विजय पटेल नाम के पत्रकार ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी उठाया है।
विजय पटेल ने लिखा, “मोहम्मद जुबैर ने कितनी चतुराई से प्रोपगैंडा फैलाने में जुटा है। जब पुलिस ने स्पष्ट किया कि मामला व्यक्तिगत दुश्मनी का था और पीड़ित मोहसिन ने 21 मई को आरोपित गोलू की पिटाई की थी तो बेशर्म जुबैर ने अपना सांप्रदायिक ट्वीट हटाने के बजाय सिर्फ एक अपडेट पोस्ट किया। उसके पहले के ट्वीट के बाद कई लोग अभी भी उस वीडियो को सांप्रदायिक एंगल देकर शेयर कर रहे हैं।”