संभाजी भिड़े ने करमचंद गाँधी पर चोरी करने का भी आरोप लगाया था।
संभाजी भिड़े ने कथित तौर पर महात्मा गाँधी की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर सवालिया निशान लगाए थे। उन्होंने कहा था:
“महात्मा गाँधी का नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है। लेकिन करमचंद गाँधी महात्मा गाँधी के पिता नहीं थे। उनके असली पिता एक मुस्लिम जमींदार थे।”
उन्होंने आगे दावा किया था कि करमचंद मुस्लिम जमींदार के साथ काम करते थे। इसी दौरान उन्होंने उसके पास से बहुत बड़ी रकम चुरा ली थी। इससे नाराज होकर मुस्लिम जमींदार ने करमचंद की पत्नी का अपहरण कर लिया और उसे घर ले आया। इसके बाद उसने करमचंद गाँधी की पत्नी को अपनी पत्नी तथा महात्मा गाँधी को बेटे के रूप में पाला।
संभाजी भिड़े ने यह भी कहा था कि वह जो दावे कर रहे हैं, उसको साबित करने के लिए उनके पास सबूत हैं।
अब चारों तरफ इनपर कार्यवाही की मांग हो रही है, देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा है की महाराष्ट्र सरकार संभाजी भिड़े के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
अब भाई भले ही कार्यवाही करो लेकिन संभाजी भिड़े ने जिन सबूतों की बात की है वो तो दुनिया के सामने लाने ही चाहिए। आखिर जिसे अनेकों लोग बापू कहते है, कुछ महात्मा तो कुछ राष्ट्रपिता, उन्हें इन सबूतों से अवगत तो होना ही चाहिए, अन्यथा सभी के मन में एक संदेश बना रह जाएगा बापू के प्रति..