आदि पुरुष फिल्म के टीजर से ही अनेकों विवाद देखने मिले अनेकों गलतियों के कारण इसका भरसक विरोध हुआ और अंततः 16 जून को यह फिल्म रिलीज हुई और रिलीज होने के बाद लोग और अधिक निराश हुए लोगों की भावनाएं आहत हुई और लोगों ने इस फिल्म के बहन की मांग उठाई। 👇 कारण जरूरी 🎥 Video
इस फिल्म में देखा जाए तो गलतियां नहीं है बल्कि जानबूझकर की गई छेड़छाड़ है जिसकी स्वीकारोक्ति खुद इस फिल्म के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर ने अपने इंटरव्यू में दी है और अपनी दादी नानी आदि को इन खतरनाक गलतियों का कारण तक बता दिया
जिसने भी इस फिल्म को रामायण की तरह देखने की कोशिश की उसने अपना सर पीट लिया उसने इस फिल्म को एक वाहियात कोशिश बताएं और गलती लोगों की नहीं क्योंकि उन्हें बताया ही यह गया था कि यह फिल्म रामायण पर आधारित है और खुद ओम राऊत ने हर थिएटर में हनुमान जी के लिए एक सीट रिजर्व रखने की बात कही थी
अब आपको ओम राऊत और मनोज मुंतशिर के चेहरे के पीछे की सच्चाई भी जान लेनी चाहिए
ओम राऊत अपने आप को एक बहुत बड़ा राष्ट्रवादी हिंदू बताता है उसे बड़ी तकलीफ है कि हनुमान जयंती पर लोग खुशियां मनाते हैं लाउड म्यूजिक बना बजाते हैं और इस बात को लेकर वह हनुमान जी को बहरा बताते हैं
बात करें मनोज मुंतशिर की तो वह भी लंबे समय से अपनी छवि को राष्ट्रवादी सनातनी की तरह निखार रहे हैं ना जाने इसके पीछे क्या कारण है लेकिन इनकी धर्मपत्नी जी के ट्विटर अकाउंट को खंगाल आएंगे तो आप चौक जायेंगे। "बाहर सनातनी और भीतर टुकड़े टुकड़े गैंग"