GEETA VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय ३ कर्मयोग श्लोक २३
आज का पंचांग
रविवार १८/०६/२०२३
आषाढ़ कृष्ण अमावस्या, युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या सुबह 10:06 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅दिनांक - 18 जून 2023
⛅दिन - रविवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - ग्रीष्म
⛅मास - आषाढ़
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅नक्षत्र - मृगशिरा शाम 06:06 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅योग - गण्ड रात्रि 01:00 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅राहु काल - शाम 05:46 से 07:27 तक
⛅सूर्योदय - 05:54
⛅सूर्यास्त - 07:27
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:12 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:20 से 01:02 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - आषाढ़ अमावस्या
⛅विशेष - अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38/34)
🔹अमावस्या विशेष🔹
🌹1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है ।
(स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)
🌹2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)
🌹4. अमावस्या के दिन खेती का काम न करें, न मजदूर से करवाएं ।
🌹5. अमावस्या के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितरों को अर्पण करें । सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें । आज जो मैंने पाठ किया मेरे घर में जो गुजर गए हैं, उनको उसका पुण्य मिल जाए । इससे उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पत्ति बढ़ेगी ।
🔹गरीबी भगाने का शास्त्रीय उपाय🔹
🌹गरीबी है, बरकत नहीं है, बेरोजगारी ने गला घोंटा है तो फिक्र न करो । हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें ।
🔹सामग्री : १. काले तिल २. जौ ३. चावल ४. गाय का घी ५. चंदन पाउडर ६. गूगल ७. गुड़ ८. देशी कपूर एवं गौ चंदन या कण्डा ।
🌹विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवन कुण्ड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये मंत्रों से ५ आहुति दें ।
आहुति मंत्र
🌹 १. ॐ कुल देवताभ्यो नमः
🌹 २. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
🌹 ३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
🌹 ४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
🌹 ५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः
🌹इस प्रयोग से थोड़े ही दिनों में स्वास्थ्य, समृद्धि और मन की प्रसन्नता दिखायी देगी ।
🔹आयुष्य, आरोग्य, ऐश्वर्य, सम्पत्ति और कीर्ति बढ़ाने के लिए
ॐ ह्रीं घृणि: सूर्य आदित्य: क्लीं ॐ ।
🔸सुख-सौभाग्य की वृद्धि करने एवं दुःख-दारिद्र्य को दूर करने के लिए तथा रोग व दोष के शमन के लिए इस प्रभावकारी मंत्र की साधना रविवार के दिन से करने चाहिए । रविवार को खुले आकाश के नीचे पूर्व की ओर मुख करके शुद्ध ऊन के आसन पर अथवा कुशासन पर बैठकर काले तिल, जौ, गूगल, कपूर और घी मिश्रित शाकल (हवन-सामग्री) तैयार करके आम की लकड़ियों से अग्नि को प्रदीप्त क्र उपरोक्त मंत्र से १०८ आहुतियाँ दें । तत्पश्च्यात सिद्धासन लगाकर इसी मंत्र का १०८ बार जप करें । जप करते समय दोनों भौहों के मध्य भाग में भगवान सूर्य का ध्यान करते रहें । इस तरह ११ दिन तक करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है | इस साधना में रविवार का व्रत (बिना नमक का, तेलहीन भोजन सूर्यास्त से पहले दिन में एक ही बार करना अनिवार्य है ।)
इसके बाद प्रतिदिन स्नान के बाद ताम्र-पात्र में जल भरकर उपरोक्त मंत्र से सूर्य को अर्घ्य दें । जमीन पर जल न गिरे इसलिए नीचे दूसरा ताम्र-पात्र रखें । तत्पश्च्यात इस मंत्र का १०८ बार जप करें । मात्र इतना करने से आयुष्य, आरोग्य, ऐश्वर्य, सम्पत्ति और कीर्ति उत्तरोत्तर बढ़ती हैं ।
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