22 जून 2022 यानी आजा से ठीक 1 वर्ष पहले नुपुर शर्मा का समर्थन करने के कारण अमरावती निवासी (केमिस्ट) उमेश कोल्हे को कट्टरपंथी मुस्लिमों ने मौत के घाट उतार दिया और NIA की रिपोर्ट के अनुशार जेहादियों ने उमेश कोल्हे को मौत के घाट उतारने के के बाद जश्न मनाया और डिनर पार्टी का आयोजन किया था।
उमेश कोल्हे के भाई ने बताया कि, यह आरोपी उमेश कोल्हे का "दोस्त" था, (अब कौन समझाए हिंदुओं को की किस से दोस्ती करें और किस से नहीं...समझने वाले तो इन्हें सांप्रदायिक नजर आते हैं...)
न्यूज एजेंसी एएनआई को उमेश कोल्हे के भाई, महेश कोल्हे ने बताया कि, हत्या के आरोप में गिरफ्तार युसूफ खान उमेश के दोस्त थे. वह एक पशु चिकित्सक हैं और हम उन्हें साल 2006 से जानते हैं. युसूफ खान उन 7 आरोपियों में से एक है जिन्हें उमेश कोल्हे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
महाराष्ट्र के अमरावती में हुए उमेश कोल्हे हत्याकांड मामले में NIA ने दो और आरोपियों को गिरफ़्तार किया था जिनके नाम मुश्फ़िक अहमद और अब्दुल अरबाज़ है। मुश्फ़िक अहमद मौलवी और अब्दुल अरबाज़ रहबर NGO में एम्बुलेंस का ड्राइवर है। उमेश कोलहे हत्याकांड में कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिन सबके संबंध तबलिकी जमात (Tablighi Jamaat) से बताया गया था।
एनआईए ने अपनी चार्जशीट में दावा किया था कि आरोपियों द्वारा किया गया कार्य केवल एक साधारण हत्या नहीं है, बल्कि धार्मिक रूप से कट्टरपंथी मुस्लिम युवाओं (तब्लीगी जमात) द्वारा रची गई एक सुनियोजित आपराधिक साजिश है, जो अमरावती और भारत के अन्य राज्यों के लोगों के मन में एक आतंक पैदा करने के लिए है। एनआईए ने बताया था कि तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) के कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने उमेश कोल्हे की हत्या की थी.
पुलिस के अनुशार, दवा दुकानदार (केमिस्ट) उमेश कोल्हे ने नूपूर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी। नूपुर शर्मा ने मई में एक टीवी डिबेट में पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की थी। इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) कर रहा है।