बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत 6 पहलवानों को जो प्रदर्शन में सम्मिलित थे उन्हें ट्रायल में छूट दी गई है। उन्हें अन्य पहलवानों के विपरीत केवल एक मुकाबला खेलना होगा। यह छूट एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप के चयन के लिए मिली है। यही पहलवानों की माँग रही है और बृजभूषण सिंह से टकराव का एक बड़ा कारण इस छूट का नहीं मिलना था।
IOA से मिली छूट के अनुशार अब इन 6 पहलवानों को केवल 1 मुकाबला उन खिलाड़ियों से करना होगा जो ट्रायल जीतकर आयेंगे और यह छूट एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप दोनों की चयन प्रक्रिया में लागू होगी।
इस छूट पर अपनी नाराजगी कर व्यक्त करते हुए योगेश्वर दत्त ने वीडियो माध्यम से अपनी बात रखी
अंत में उन्होंने आईओए के इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा " “आज तक के कुश्ती के इतिहास में पिछले फेडरेशन ने भी ऐसे फैसले नहीं किए। बिना ट्रायल के टीम भी भेजी है, लेकिन वो नंबर वन टीम थी। ट्रायल में छूट भी दी गई है, लेकिन वो सबके लिए नहीं थी। जो आउटस्टैंडिंग पहलवान थे, उनके लिए थी। ये पहलवान को मैच से एक डेढ़ साल से दूर रहे हैं। यह फैसला IOA का तानाशाही वाला फैसला है।
इसके आगे खाप पंचायत और किसान संगठनों से भी योगेश्वर दत्त ने कहा “जितने भी खाप पंचायतें और उनके प्रतिनिधि हैं और किसान संगठन हैं, उनसे भी मेरा आग्रह है कि आप भी एक बार इस फैसले को जरूर देखिए, क्योंकि इस आंदोलन में आपने बहुत बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। ये फैसला किसके लिए अच्छा है और किसके लिए बुरा है? मेरा मानना है कि कि कुश्ती के लिए तो यह बिल्कुल भी अच्छा फैसला नहीं है। मुझे पता चला कि इसके लिए पहलवानों ने एडहॉक कमिटी को चिट्ठी लिखी थी कि उन्हें छूट दी जाए।”
वहीं, पूर्व कोच कृपा शंकर ने भी IOA की एडहॉक कमिटी के फैसले पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, “आखिर मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि खेल मंत्रालय, भारत सरकार और IOA की एडहॉक कमिटी की वो कौन सी दुखती रग है, जिसे इन पहलवानों ने पकड़ रखा है।”
योगेश्वर दत्त के इस वीडियो के बाद विनेश फोगाट ने उन पर कीचड़ उछाला, जैसा कि उन्होंने पहले भी अपने खिलाफ बोलने वालों पर अलग-अलग आरोप लगाए हैं और वही योगेश्वर दत्त के साथ भी कर रही है, दत्त पर बड़ी अभद्र भाषा में हमला करते हुए उन्हें गद्दार, जयचंद, बृजभूषण के चरणों रीड रख चुके जैसे शब्द कहे।
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