कभी सोचा है कि भारत के प्रधानमंत्री के आधिकारिक अमेरिकी दौरे के ठीक पहले राहुल गांधी अमेरिका क्यों गए थे ? प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका पहुंचने से ठीक पहले वे भारत वापस लौट आए ?
ये हम नहीं कह रहे, अमेरिका की मीडिया का दावा है कि राहुल गांधी PM Modi के अमेरिकी दौरे को sabotage (नाकाम ) करने के लिए अमेरिका गए। जरा सोचिए अमेरिका में ये सब किसके इशारों पर हो रहा है? मोदी विरोध करते करते कांग्रेस राष्ट्र विरोधी हो चुकी है...?
राहुल गांधी ने जिन लोगों से मुलाक़ात की, वे लोग व्हाइट हाउस के बाहर भारत सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
AOC ने भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ़ लिखने के लिए अमेरिकी मीडिया को पैसे दिए, इन्हीं लोगों ने PM को नीचा दिखाने के लिए BBC की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की...राहुल गांधी ने अपने अमेरिकी दौरे में AOC सदस्यों से मुलाक़ात की थी।
वॉशिंगटन पोस्ट में बरखा दत्त ने जो लेख लिखा उसका शीर्षक था -" Sorry Biden, India can never be U.S. Friend"
अमेरिका में ही ये दावा किया जा रहा है कि पूर्व राष्ट्रपति ओबामा को भारत की मोदी सरकार के खिलाफ बोलने के लिए 4 million dollar दिए गए। किसने दिए होंगे ये पैसे? चीन या सोरोस जैसे किसी बड़े आदमी ने? शायद ...
कई लोग तो ये भी दावा कर रहे हैं कि मणिपुर हिंसा भी स्पॉन्सर्ड है, अचानक कुकी विद्रोहियों के पास इतने अत्याधुनिक हथियार और रॉकेट लॉन्चर तक कैसे आ गए? उन पर मेड इन चाइना का ठप्पा क्यों है? म्यांमार के रास्ते ये हथियार कहीं चीन द्वारा तो नहीं भेजे जा रहे?
भारत सरकार से निवेदन है कि मणिपुर हिसा के पीछे जो भी है उनको कठोर से कठोर दंड दिया जाए