एक मुस्लिम लड़की (जेहादिन) ने एक हिंदू विधवा से सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती की फिर अपने दोस्तों से उसका बलात्कार करवाकर वीडियो बना लिया, ब्लैकमेल किया इतने में मन नहीं भरा तो विधवा को 12 वर्षीय बेटी के ब्लातकार का प्रयास किया और इस्लाम स्वीकार करने का दबाव बनाया, नहीं मानने पर मारपीट की। खास बात - instagram पर हिंदू राष्ट्र को बातें, भगवान की फोटो भजन लगाती ,संतों को फोटो लगाती।
सोचिए शांत मन से चिंतन कीजिए कि इस महिला को कितनी भयानक यातनाओं से गुजरना पड़ा, अपनी छोटी सी 12 वर्षीय बच्ची के साथ ये सब देख उसे कितना दुःख झेलना पड़ा और कारण एक मुस्लिम महिला से सोशल मीडिया के माध्यम अनजाने में की गई दोस्ती।
सोचिए शांत मन से चिंतन कीजिए कि इस महिला को कितनी भयानक यातनाओं से गुजरना पड़ा, अपनी छोटी सी 12 वर्षीय बच्ची के साथ ये सब देख उसे कितना दुःख झेलना पड़ा और कारण एक मुस्लिम महिला से सोशल मीडिया के माध्यम अनजाने में की गई दोस्ती।
इतनी कारनामे इन मुसलमानों के देखने के बाद कैसे कोई इनपर भरोसा करे, कैसे माने को इनका मजहब शांति प्रिय है? कैसे मान लें को मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना? क्या गलत है ये कहने में को "मलेच्छों का बहिष्कार करो"।
क्या कहता है ऐसे घटिया जेहादियों का मजहब? क्या इनका मजहब इस प्रकार गंदी हरकतें करके लोगों को इस्लाम कुबूल करवाना स्वीकार करता है? यदि नही तो क्यों इनके लोग लगातार ऐसी हरकतें कर रहे हैं और क्यों इनके मौलाना ,मौलवी आदि इन हरकतों पर वैसे विरोध करने नजर नहीं आते जैसे The Kerala story का विरोध कर रहे थे और जैसे अब Ajmer 92 तथा 72 hoorein का विरोध कर रहे हैं।
शोएब जमाई ने कितने बेशर्मी से एक मुस्लिम के हिंदू से विवाह और उनके हुए बच्चे को हराम बोल दिया लेकिन कितने लोगों ने इनको ऐसे गंदी हरकतों (लव जेहाद, धर्मांतरण) पर आवाज उठाते देखा?
अब तो जागो हिंदुओं , अब तो जागो भारत आखिर कब तक इस घटिया मानसिकता को नहीं पहचानेंगे और कब तक इनका खुलके विरोध करने का केवल विचार ही करते रहोगे?
इस वीडियो में आखिर गलत क्या हैं??👇👇👇