GEETA VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय ३ कर्मयोग श्लोक २४
आज का पंचांग
सोमवार १९/०६/२०२३
आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा , युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅दिनांक - 19 जून 2023
⛅दिन - सोमवार
⛅विक्रम संवत् - 2080
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - ग्रीष्म
⛅मास - आषाढ़
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅तिथि - प्रतिपदा सुबह 11:25 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅नक्षत्र - आर्द्रा रात्रि 08:11 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅योग - गण्ड रात्रि 01:15 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅राहु काल - सुबह 07:36 से 09:18 तक
⛅सूर्योदय - 05:54
⛅सूर्यास्त - 07:27
⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:20 से 01:02 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - आषाढ़ गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ, मनोरथ द्वितीया व्रत (प. बंगाल), चन्द्र-दर्शन (शाम 07:27 से 08:41)
⛅विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है । द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹 आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 🌹
(19 जून से 27 जून 2023)
🌹 आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि के इन 9 दिनों में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है । इन नौ दिनों में देवी को विभिन्न प्रकार के भोग भी लगाए जाते हैं । शास्त्रों के अनुसार, इस उपाय से साधक (उपाय करने वाला) की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं । जानिए किस तिथि पर देवी को किस चीज का भोग लगाना चाहिए-
🔸 ये हैं गुप्त नवरात्रि के अचूक उपाय🔸
👉 प्रतिपदा तिथि को माता को घी का भोग लगाएं। इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती हैं एवं शरीर निरोगी होता है ।
👉 द्वितीया तिथि को माता को शक्कर का भोग लगाएं । इससे उम्र लंबी होती है ।
👉 तृतीया तिथि को माता को दूध का भोग लगाएं । इससे सभी प्रकार के दुःखों से मुक्ति मिलती है ।
👉 चतुर्थी तिथि को माता को मालपुआ का भोग लगाएं । इससे समस्याओं का अंत होता है ।
👉 पंचमी तिथि को माता को केले का भोग लगाएं । इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है ।*
👉 षष्ठी तिथि को माता को शहद का भोग लगाएं । इससे धन लाभ होने के योग बनते हैं ।
👉 सप्तमी तिथि को माता को गुड़ का भोग लगाएं । इससे हर मनोकामना पूरी हो सकती है ।
👉 अष्टमी तिथि को माता को नारियल का भोग लगाएं । इससे घर में सुख-समुद्वि आती है ।
👉 नवमी तिथि को माता को विभिन्न प्रकार के अनाज का भोग लगाएं। इससे वैभव व यश मिलता है ।
🔹लक्ष्मी के नाराज होने के कारण🔹
🔹१] कमल-पुष्प, बिल्वपत्र को लाँघने अथवा पैरों से कुचलने पर लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती हैं ।
🔹२] जो निर्वस्त्र होकर स्नान करता है, नदियों, तालाबों के जल में मल-मूत्र त्यागता है उसको लक्ष्मी अपने शत्रु कर्ज के हवाले कर देती हैं ।
🔹३] जो भूमि या भवन की दीवारों पर अनावश्यक लिखता है, कुत्सित अन्न खाता है उस पर भी लक्ष्मी कृपा नहीं करती हैं ।
🔹४] जो पैर से पैर रगडकर धोता है, अतिथियों का सम्मान नहीं करता, याचकों को दुत्कारता है, पशु-पक्षियों को चारा, दाना आदि नहीं डालता है, गाय पर प्रहार करता है, ऐसे व्यक्ति को लक्ष्मी तुरंत छोड़ देती हैं ।
🔹५] जो संध्या के समय घर-प्रतिष्ठान में झाड़ू लगाता है, जो प्रात: एवं संध्याकाल में ईश्वर की आराधना नहीं करता, तुलसी के पौधे की उपेक्षा, अनादर करता है उसको लक्ष्मी उसके दुर्भाग्य के हाथों में सौंप देती हैं ।
ऋषि प्रसाद – जून २०१९ से
🌹इससे ८० प्रकार की वायु संबंधी बीमारियाँ बैठ जायेंगी - पूज्य बापूजी
🔹वायु की ८० प्रकार की शिकायतें होती हैं और इन्हें ठीक करने में बहुत सारे उपाय विफल हो जाते हैं । एक बढ़िया उपाय मिला है, वह विफल नहीं हुआ । मैंने आजमाया है ।
🔹१०० ग्राम धनिया-चूर्ण, १०० ग्राम हरड़ चूर्ण तथा ५० ग्राम मिश्री का चूर्ण मिला के रख दो । ५-६ ग्राम मिश्रण सुबह-शाम खाली पेट गुनगुने पानी से लो तो ८० प्रकार की वायु-संबंधी बीमारियाँ बैठ जायेंगी ।