Good News : सनातन धर्म शास्त्रों के केंद्र बिंदु गीता प्रेस को वर्ष 2021 का 'गांधी शांति पुरस्कार' दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली ज्यूरी ने किया फैसला। पुरुष्कारमें ₹ एक करोड़ की राशि, एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
यह बाबा आम्टे, नेल्सन मंडेला, बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को भी दिया जा चुका है
गीता प्रेस के स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर यह पुरस्कार मिलना सनातनियों के लिए गर्व का विषय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने सर्वसम्मति से गीता प्रेस गोरखपुर को साल 2021 का गांधी शांति पुरस्कार देने का फैसला किया। संस्कृति मंत्रालय की घोषणा से गोरखपुर में खुशी का माहौल है।
संस्कृत व हिन्दी सहित देश की विभिन्न भाषाओं में भारत के आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान को जन-जन तक ले जाने में गीता प्रेस ने अपने 100 वर्षों के यशस्वी कालखण्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार ईश्वर, प्रेम, सत्य, सदाचार, सद्भाव के प्रचार हेतु समर्पित गीता प्रेस के अभियान को नई गति देगा
1923 में स्थापित, गीता प्रेस दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है, जिसने 14 भाषाओं में 41 करोड़ से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिनमें 16 करोड़ से अधिक श्रीमद भगवद गीता शामिल हैं