Manoj mantashir Shukla की धुलाई तो जमकर हो रही है, लेकिन हाल ही में उनका एक पुराना video वायरल हो रहा है जिसको लेकर वो और ज्यादा निशाने पर आ गए हैं। लेकिन हम उस वीडियो से इस समाज के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण सीख ढूंढ कर आपके लिए लाए हैं।
मनोज मुंतशिर के उपरोक्त वीडियो से पता चलता है कि यह एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुआ जहां पिता जी पुरोहिताई का काम करते थे यानी घर परिवार में तो संस्कारों की कहीं कोई कमी नहीं होनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने खुद बताया कि जब इनके पिताजी शिव स्त्रोत्र गाया करते थे तब यह भाई साहब रसूल अल्लाह गाते थे। इतना ही नहीं इन महाशय को अपना जो सरनेम है "शुक्ला" उसने भी वजन नहीं लगता। (इसे ब्राह्मण होते हुए भी ब्राह्मण घृणा से जोड़ा जा सकता है)
सोचिए यदि इसके पिता ने जब यह उनके शिव स्तोत्र गाने पर रसूल अल्लाह गाया करता था तब रोका होता तो शायद यह आज ऐसी हरकत ये ना कर रहा होता। अब यह बातें केवल मनोज मुंतशिर और उनके पिताजी पर लागू नहीं होती अपितु हमारे हिंदू समाज में लगभग बहुत से घरों में यही हो रहा है कि पिताजी ईश्वर पर आस्था रखते हैं पूजा पाठ करते हैं और बेटा जी या तो कोई मॉडर्न गाने बजाते हैं या जैसे मुंतशिर साहब रसूलल्लाह कर रहे हैं वैसे ही वह भी करते हैं।
और फिर देख लीजिए बड़े होकर पूरी इज्जत मिट्टी में मिला देते हैं ऐसे नालायक बच्चे जिन्हें हम समय पर रोकते नहीं उन्हें समझाते नहीं है और अपने संस्कार तथा संस्कृति से थोड़ा ढंग से परिचित नहीं करवा पाते हैं।
हो सकता है मनोज मुंतशिर जी लिखते अच्छा है, बोलते अच्छा है लेकिन उन्हें हमारे धर्म का वास्तविक ज्ञान कितना है यह इस फिल्म Adipurush के बाद सारी दुनिया को पता लग ही गया। इसलिए सभी सनातनी अपने बच्चों को केवल ऊपरी ज्ञान ना दें बल्कि अपने शास्त्रों से जोड़ें अपने धर्म से उनका जुड़ाव बढ़ाएं उन्हें उचित धर्म ज्ञान दें और संस्कार दें ताकि वह आपकी भी नाक ना कटाएं और भविष्य में हमारे धर्म को भी अपमानित ना करें।