Opindia की रिपोर्ट्स के अनुशार मामला उत्तर प्रदेश का है जहां एक मुस्लिम पुलिस कांस्टेबल ने एक दलित महिला पुलिस कॉन्स्टेबल को लव जिहाद के जाल में फंसाया फिर उसके भाई ने महिला का बलात्कार भी किया और जब बच्चा हुआ तो उसका खतना कराने का प्रयास भी किया।
महिला का कहना है की “इमरान खान शादी के बाद से उस पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बना रहा है। उसने उसका नाम जायरा बानो रख दिया था और कहता था जब तक तुम निकाह नहीं करोगी, हमारी शादी वैध नहीं मानी जाएगी। उसकी पहली बीवी उसके साथ रहती है और उसने मुझे एफिडेविट भिजवाकर कहा था कि मेरा इससे तलाक हो गया है। मैंने इस मामले से जुड़े सभी साक्ष्य विवेचक को दिए हैं। इसके बाद भी थाने में कोई भी मेरी सुनवाई करने को तैयार नहीं है। मेरे पास कोई रास्ता नहीं बचा है। मैं रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या करने जा रही थी, लेकिन मेरी दोस्त ने मुझे बचा लिया।”
सोचिए यह महिला एक पुलिस कांस्टेबल है और इसकी शिकायत ही पुलिस वाले नहीं ले रहे और ले भी रहे हैं तो sc-st का मामला नहीं लगा रहे यानी कहीं ना कहीं पुलिस में भी तगड़ा झोलझाल चल रहा है।
ऐसे में कैसे मान लें कि हमारी बच्चियां इस कानून के भरोसे सुरक्षित रहेंगे यह बहुत बड़ा सवालिया निशान है कानून पर क्योंकि जब पुलिस वाले ही लव जिहाद करेंगे और जिहादी को बचाएंगे तो लव जिहाद रुकेगा कैसे?
महिला पुलिसकर्मी ने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे बताया, “उसने केवल मुझे फँसाने के लिए बौद्ध धर्म अपनाया था। इस साजिश में उसका पूरा परिवार शामिल है। बौद्ध धर्म अपनाने के बाद भी वो हर मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए जाता है। वो मुझे अजमेर और बाराबांकी की मस्जिद में लेकर गया। 2019 में मैं इमरान के घर एक फंक्शन में गई थी, जहाँ उसके भाई मोहसिन ने रात में मेरे साथ रेप किया।” पीड़िता का तीन साल का एक बच्चा भी है। इमरान ने बच्चे का खतना कराने का प्रयास किया था, लेकिन जब उसे यह पता चला तो उसने इसका विरोध किया। महिला ने इमरान खान और उसके घर वालों पर कठोर कार्रवाई करने की माँग की है।
काश हमारे हिंदू समाज की बच्चियां इन सारे मामलों को देखते हुए इन जिहादियों की सच्चाई को पहचाने इन से सावधान रहें और इनसे कभी किसी प्रकार की कोई दोस्ती ना करें नज़दीकियां ना बढ़ाएं अन्यथा जैसे यह पुलिस कॉन्स्टेबल आत्महत्या करने जा रही थी वैसे ही गलत कदम उठाने की आवश्यकता पड़ जाएगी। हिंदू माता-पिता सावधान रहें कानून के भरोसे हमारी बच्चियां नहीं सुरक्षित है हमें अपनी बच्चियों को धर्म ज्ञान देना होगा उचित संस्कार देने होंगे और इन जिहादियों से सतर्क करना होगा इनकी सच्चाई उन्हें बतानी होगी चाहे इन्हें द केरला स्टोरी जैसी फिल्म दिखाएं या आने वाली फिल्म अजमेर 92 दिखाएं जिससे इन जिहादियों का असली चेहरा हमारी बच्चियों को पता चले और वह इनसे सतर्क रहें दूर रहें सावधान रहें और सुरक्षित रहें।