वैसे ही वीडियो पुराना है लेकिन देखने और समझने के लिए इसमें अब भी बहुत कुछ हैं। इस वीडियो में एक व्यक्ति कुछ बच्चों को हिंदू के विरुद्ध बरगला रहा है, "हिंदू" ब्राह्मण का पालतू कुत्ता, हम कुत्ते नहीं हैं, हम मूल निवासी है" इस तरह की बातें कथित दलित संगठन के लोगों और समर्थकों द्वारा समाज में बच्चों को सिखाया जाता है।
देखिए video 👇
अब सोचिए जिन बच्चों को बचपन से ही इस प्रकार की नफरत ही बातें सिखाई जाएंगी तो वह बड़े होकर हिंदुओं से नफरत करेंगे कि नहीं? वास्तव में यह होता है नफरत फैलाना लेकिन इन लोगों पर शासन प्रशासन कोई कठोर कार्यवाही नहीं करता इस प्रकार की नफरत को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाते।
ऐसे ही नफरत या यह कहें इससे भी कहीं ज्यादा नफरत कट्टरपंथी जिहादी अपने मजहबी ठिकानों में बच्चों को सिखाते हैं वैसे उस नफरत से ऊपर हिंदुओं को कुत्ता कहने वाले मूलनिवासी भी अपने आप को बचा नहीं पाते। सही देखा जाए तो जय भीम जय भीम के नारे के पीछे सबसे ज्यादा जिहादियों के शिकार यह कथित दलित ही होते हैं और जब वह शिकार होते हैं तो कथित दलित हित चिंतक शांत होकर किसी कोने में एंजॉय कर रहे होते।
कहने को हमारा देश सेक्यूलर है लेकिन इस देश में हिंदुओं के विरुद्ध चारों तरफ से अनेकों षड्यंत्र चल रहे हैं एक तरफ कट्टरपंथी जिहादी जो लव जिहाद लैंड जिहाद और ना जाने कौन-कौन से जिहाद करके हिंदुओं को अपना सबसे बड़ा टारगेट बनाए हुए हैं तो दूसरी तरफ ईसाई मिशनरियों हिंदुओं के धर्मांतरण का लगातार खेल आगे बढ़ा रही है, और एक तरफ यह कथित दलित संगठन जो हिंदू देवी देवताओं का अपमान करते हैं हिंदू धर्म का अपमान करते हैं और हिंदुओं के प्रति नफरत परोसते हैं। लेकिन इनमें से किसी पर भी हमारा प्रशासन नकेल कसने में समर्थ नहीं है।
इसलिए ऐसी समस्याओं का समाधान खुद हिंदुओं को ही खोजना होगा। इसका सबसे आसान समाधान है हिंदू संगठित हो जाएं, जाती पाती के भेद को छोड़कर आपस में एक हो जाएं। जितना संभव हो सके धर्म का प्रचार प्रसार करें और अपने बच्चों को धर्म का ज्ञान तथा उचित संस्कार अवश्य दें।
👆 यह सब किए बिना हम ना अपनी सुरक्षा कर सकते हैं, ना अपनी आने वाली पीढ़ियों की, ना धर्म की और ना ही देश की।