क्यों उठ रही है Adipurush के बहिष्कार की मांग? कहां तक सही है #BoycottAdipurush?
👆क्या ऐसे हो सकते हैं हमारे आराध्य, मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम? ऐसी कल्पना कोई राम भक्त अपने प्रभु को कर सकता है? इन्हें देखकर फीलिंग आ रही है?
इस फिल्म में अनेकों अनेक गलतियां (अब ये गलतियां हैं या षड्यंत्र ये तो हमारे राम हो जाएं) जिन्हें देखकर लोगों ने इसका विरोध किया, कुछ गलतियां तो इन्होंने सुधारी भी लेकिन गलतियां इतनी हैं की पूरी सुधारने लगे तो फिल्म हो हटानी पड़ जायेगी इसलिए जैसे तैसे करने अब 16 जून को ये फिल्म रिलीज होने जा रही है और एक बार फिर इसके बहिष्कार की मांग उठने लगी है।
मुख्य कारण बहिष्कार का - रामजी, लक्ष्मण जी, सीता जी, जामवंत जी, वानर सेना, पुष्पक विमान, लंका, युद्ध का समय सब बिगाड़ दिया और दुखद लेकिन से को जिन हनुमान जी के लिए अब हर थिएटर में एक सीट रिजर्व रखने का शिगूफा छोड़ा हैं उन हनुमानजी को तो फिल्म में जगह ही नहीं दी.....
आप खुद ही बताइए क्या ये👇 हमारे हनुमान जी हैं? क्या ये हैं बजरंग बली , ये हैं राम भक्त, अंजनिसुत? ये हैं पवन पुत्र हनुमान? ऐसा रूप तो कोई भक्त किसी हाल की सोच भी नहीं सकता...हनुमान जी का रूप तो इतना मनमोहक है की देखतेभी क्या सोचते हो भक्त भाव विभोर हो जाए लेकिन फिल्म में इतना विकृत रूप ..ये हनुमान जी नहीं हो सकते.. अब बताइए बिना हनुमान जी के रामायण हो सकती है? 👇मौलाना जैसा चेहरा, चमड़े जैसे कपड़े, जबरन फुलाया हवा मूंह। कहीं से कहीं तक हनुमान जी जैसी फीलिंग ही नहीं आती।
👇सुनिए ये भैया जी क्या कह रहे हैं, लेकिन ध्यान रहे ये बात हंसी की नहीं है, समझने हैं।
अब यदि हम एक धारावाहिक से इस फिल्म के चरित्रों की तुलना करें तो क्या ये कहीं भी तुलनातमक ढंग से आस पास भी आते हैं? माना जो धारावाहिक में दिखाया गया वो भी एक कला थी लेकिन अब जो फिल्म में दिखाया गया वो तो उससे भी अच्छा होना चाहिए था लेकिन इससे भी कहीं बुरा क्यों बन गया?
एक माता सीता धारावाहिक की जिन्हें देखते ही मातृत्व भाव जाग जाता है और एक सीता इस फिल्म की जिसे देखकर क्या जरा सा भी पूजनीय भाव आता है? एक प्रश्न और है की क्या माता सीता ने वनवास में मोतियों के आभूषण पहने थे? हमें तो यही पता है की केवल पुष्प आभूषण माता ने पहने थे क्यों मां वनवास पर थी किसी पिकनिक पर नहीं।
कमियां तो अनेकों हैं कितनी गिनाएं, लेकिन जो फिल्म एक काफी पुराने धारावाहिक के बराबर भी ना कर पाए तो उस फिल्म को देखना क्या पैसों को बर्बादी नहीं? समय की बरबादी नहीं? और सबसे बड़ी बात ऐसी फिल्मों को देखकर इन्हें यदि आज हम हिट करवाते हैं तो आने वाले समय में हमारे बच्चे यही फिल्मों को देख कर हमारे राज्यों के चरित्र को समझेंगे और उसका क्या दुष्परिणाम हमारे समाज पर हमारे आने वाली पीढ़ी ऊपर पड़ेगा यह बताने की आवश्यकता नहीं है।
अंत में बस आराध्य प्रभु श्री राम का चित्र देखिए और बताइए क्या इस फिल्म के जो मुख्य चरित्र हमारे प्रभु श्री राम है उन्हें देखकर आपको कैसा लगता है? क्या उनमें प्रभु श्री राम की छवि के दर्शन हो रहे हैं?
हम इस मांग #BoycottAdipurush और #BoycottBo का समर्थन करते हैं क्योंकि हम किसी एक्टर, किसी डायरेक्टर, प्रोड्यूसर के फैन नहीं न ही हम कुछ पैसों के लिए बिकते हैं, हम हमारे धर्म और हमारे आराध्यों के फैन हैं और उनकी सेवा के लिए आवश्यकता पड़ने पर प्राण तक न्यौछावर कर सकते हैं।
जय जय श्री राम🚩
अदिपुरुष बैन होनी चाहिए
ReplyDeleteBoycott
ReplyDeleteबैन होनी चाहिए
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