जिस गांव में जातिवाद जैसा कुछ नहीं, सब आपस में प्रेमपूर्वक रहते हैं और एक साथ पुजा करते हैं , उस गांव में जातिवादी जेहेर घोलने लगे दलाल मीडिया वाले और दुष्ट नेता..
देखिये कैसे दलाल मीडिया और नीच नेता जबरदस्ती २ लोगों के झगडे को जातिवादी रंग देकर बढ़ा चढ़ाकर समाज को गुमराह करते हैं , समाज में वैमनस्य फैलाना चाहते है. ऐसे दुष्टों , समाज कंटकों पर सरकार / प्रशासन को तो कार्यवाही करनी ही चाहिए साथ ही समाज को भी ऐसे दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों से सावधान रहना चाहिए और इनका विरोध करना चाहिए
उत्तर प्रदेश के एटा जिले के हसनपुर गाँव में 14 जून 2023 को 2 पड़ोसी परिवारों के बीच एक पेड़ को लेकर विवाद हो गया। इसमें सतेन्द्र नाम के युवक को चोटें आईं थी। इस घटना को कुछ मीडिया संस्थानों और नेताओं ने जातिगत रूप दलित बनाम ठाकुर की लड़ाई बताकर दुष्प्रचारित किया। दावा किया गया कि दलित का लिंग काट दिया गया। मेडिकल रिपोर्ट में लिंग की चोट को ‘साधारण’ बताया गया है। दलित परिवार ने खुद मीडिया और नेताओं पर इस मामले को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है।
एटा पुलिस ने इस पूरे मामले को पेड़ काटने के चलते 2 पक्षों में गाली-गलौज और विवाद बताया है। पुलिस का यह भी कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट में प्राइवेट पार्ट काटे जाने की पुष्टि नहीं हुई है। गाँव से पलायन के दावों को भी पुलिस ने गलत बताया है। ऑपइंडिया के पास मेडिकल रिपोर्ट मौजूद है। इस रिपोर्ट में निजी अंग पर लगी चोट को ‘साधारण’ श्रेणी का बताया गया है।
इस मामले को संभवतः हिन्दुओं को आपस में लड़ने के ही मुख्य उद्देश्य से स्थापित भीम आर्मी सहित कुछ मीडिया संस्थानों ने जातिवादी एंगल से तूल देने का प्रयास किया। लिंग काटने से लेकर गाँव से दलितों के पलायन जैसी खबरें प्रचारित की गईं।

विनोद बंसल ने लिखा है, “सुरक्षित यूपी के संगठित हिंदू समाज में दरार डाल कर वैमनस्य फैलाने वाले कथित मीडिया के उन साँपों को भी अब UP पुलिस को कुचलना होगा जो मनगढ़ंत कहानियाँ बनाकर शासन व समाज को बदनाम करने के षड्यंत्र रच रहे हैं।”