सच्चाई तो यह है कि हम हिंदुओं में एक बहुत बड़ी समस्या है कि हम अपने धर्म, अपनी रीति-रिवाजों, परंपराओं और उसके पीछे छुपे विज्ञान को तो नहीं पहचानते साथ ही जब धर्म द्रोही या विधर्मी, वामपंथी आदि हमें हमारी परंपराओं को लेकर बरगलाते हैं तो हम अपनी ही परंपराओं पर या तो शंका करने लगते हैं या थोड़ा बहुत जानकार व्यक्ति होगा तो वह उन्हें समझाने का प्रयास करने लगता है।
आखिर क्यों हर बार हम डिफेंसिव बने और उन लोगों को तर्कपूर्ण जवाब देने का प्रयास करें जो समझना ही नहीं चाहते?
हमें अपने धर्म अपने पूर्वजों अपने ऋषि-मुनियों पर गर्व होना चाहिए और उनके दिखाए मार्ग पर चलने में दौरान वित्त महसूस करना चाहिए।
उठो जागो और अपने धर्म को अपने रीति-रिवाजों अपने परंपराओं को समझने का प्रयास करो और उनका अनुपालन निष्ठा से करो।