बुजुर्ग पर हमला करने के बाद जब इमरान पकड़ा गया तो उसने थाने जाकर भी पुलिस वालों को घायल कर दिया
कालाडेरा थानाधिकारी हरबेंद्र सिंह आरोपी इमरान को थाने लेकर आ गए थे। जैसे ही उसे अंदर ले जाने लगे तो उसने हाथ को बहुत जोर से गुस्से में दरवाजे पर मार दिया। दरवाजा शीशे का बना हुआ था। शीशा टूट गया। उसके साथ में तीन पुलिसकर्मी भी थे। एक पुलिसकर्मी के सिर में चोट लगी और दूसरे के हाथ में शीशे टूटने से चोट लग गई। तीसरे पुलिसकर्मी को भी हल्की चोटें आईं। घायल पुलिस कर्मी भी अस्पताल में भर्ती कराए गए
रामलाल शर्मा के भतीजे गोवर्धन ने बताया कि ताऊ की हालत काफी खराब है। कुछ बोल नहीं पा रहे हैं। अभी होश में नहीं आए हैं। उसे मस्जिद से प्लान बनाकर भेजा गया था। हमले के दौरान वह बोल रहा था कि मुझे मस्जिद से भेजा गया है। तुझे और तेरे पूरे परिवार को खत्म कर दूंगा। हथियार भी वो मस्जिद से लेकर आया था।
ये सारी घटना CCTV में कैद हुई है जिसमें साफ दिख रहा है को इमरान मस्जिद से टोपी पहनकर जिससे रामलाल को मारा वो हथियार लेकर निकलता है और आस पास आने जाने वालों को कुछ ना करते हुए सीधे रामलाल पर हमला करता है। यदि मानसिक रोगी होता तो क्या और जो लोग उसके सामने आ रहे थे उन्हें नहीं मारता?
अब पुलिस जांच में सामने आ रहा है को आरोपी मानसिक रोगी है जिसका इलाज चल रहा है। लेकिन ये कैसा रोग जिसमें केवल एक दूर बैठे बुजुर्ग हिंदू पर हो सीधे हमला किया बाकी लोगों पर नहीं? ऐसे ही कई मानसिक रोगी पहले भी सामने आए जो कभी मंदिरों पर हमला करते हैं तो कभी मूर्तियां तोड़ते हैं। आखिर क्यों ये मानसिक रोगी कभी अपने समुदाय के लोगों और मजहब स्थलों पर हमले नहीं करते? ये वाकई मानसिक रोगी है या स्लीपर सेल।
हमले के बाद कालाडेरा में पंचायत की गई। लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस उसे मानसिक रोगी बता कर बचा रही है। लोगों ने पूरे बाजार को बंद करवा दिया था। लोगों ने बाजार के बीच में विरोध-प्रदर्शन भी किया। डीएसपी गोविंदगढ़ बालाराम चौधरी भी समझाइश के लिए पहुंचे थे। पहले तो पुलिस की कोई बात लोगों ने नहीं मानी।
पुलिस ने लोगों को बताया कि आरोपी काे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। लोगों ने मांग करते हुए कहा कि इंडस्ट्रियल एरिया में बाहर से काफी लोग आ रहे हैं। उनका वेरिफिकेशन कराया जाए। किराए पर काफी लोग रह रहे हैं। बुजुर्ग रामलाल के भतीजे गोवर्धन ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर आरोपी मानसिक रोगी है तो वह फैक्ट्री में कैसे काम कर रहा है। पुलिस उसे बचाने का प्रयास कर रही है।
क्या हमारे देश का कानून इन लोगों को सजा दे सकता है? देश में तो अंग्रेजों को कानून चल रहे हैं। अपराधियों को कानून का कोई भय नहीं, उन्हें पता है की कैसे इस कानून को मूर्ख बनाया जा सकता है।
देखिए आश्विन उपाध्याय जी का देश के कानून को दो टूक कहते हुए महत्वपूर्ण वीडियो और इसमें उन्होंने जो निवेदन किया है उसपर भी ध्यान दें ताकि हमारा देश इन अपराधियों से मुक्ति पा सके और हमारी आने वाली पीढ़ियां इन मानशिक रोगियों से छुटकारा पा सके।
घटिया कानून, घटिया व्यवस्था, सड़ी हुई न्याय व्यवस्था