जब सरकार और प्रशासन बहरा हो जाता है तो यही करना पड़ता है। जब हिंदू भावनाएं आहत होती है तब सरकार और प्रशासन कोई एक्शन नहीं लेता जिसके कारण हिंदुओं को मजबूरन ऐसे काम करने पड़ते हैं। नमन है इन हिंदू वीरों को जिन्होंने सिनेमा में चलती वाहियात फिल्म adipurush को रूकवाया और धर्म के सम्मान के लिए एक अच्छा कदम उठाया। देखिए video 👇
यह तो हिंदू है जिन्होंने इतना सब कुछ सहन किया और इसके बाद भी केवल इस फिल्म को रुकवाया इसकी जगह यदि किसी अन्य मजहब या पंथ को इस प्रकार से अपमानित किया गया होता तो क्या होता है यह बताने की आवश्यकता नहीं है। हिंदुओं की सहिष्णुता का गलत फायदा उठाया जा रहा है। (ध्यान रहे अत्यंत शांत रहने वाले हमारे आराध्य भगवान श्रीराम भी कुपित हुए थे और उन्होंने समुद्र को चीरने का मन बना लिया था। )
बहुत दुख की बात है कि हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को लगातार आहत किया जाता है लेकिन प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंगती और लगातार जब से यह घटिया फिल्म रिलीज हुई है तब से हिंदू इसके बैन की मांग कर रहे हैं लेकिन किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। #BanAdipurush #BanAdipurushMovie
प्रश्न यह भी उठता है कि आखिर CBFC (सेंसर बोर्ड) ने कैसे इस घटिया फिल्म को पास किया? क्या केवल डिस्क्लेमर दिखाकर हिंदुओं को मूर्ख बनाया जाएगा? उनके इतिहास उनकी संस्कृति से छेड़छाड़ की जाएगी? उनके देवी-देवताओं को विकृत किया जाएगा?
पहले साफ-साफ कहा कि यह फिल्म रामायण पर आधारित है की मॉडर्नाइजेशन या चेदचाड़ नहीं की गई और अब जब लोगों ने विरोध किया तो कहते हैं कि यह फिल्म तो रामायण से प्रेरित है यह रामायण नहीं है। ऐसे झूठे और मक्कार लोगों की प्रोपोगेंडा फिल्म को तुरंत प्रभाव से बैन किया जाना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य की हिंदुओं की लगातार मांग के बाद भी सरकार और प्रशासन इस फिल्म को बैन नहीं कर रहा।
फिल्म के केवल डायलॉग नहीं केवल कॉस्टयूम नहीं बल्कि फिल्म में रामायण के तथ्यों को भी गलत प्रकार से लोगों के सामने रखा गया और अब जब लोग विरोध कर रहे हैं तो गोल-गोल बातें करके लोगों को मूर्ख बनाने का प्रयास किया जा रहा है और इमोशनल ड्रामा किया जा रहा है लेकिन यह सब अब नहीं चलेगा 👇 इतनी बड़ी बड़ी गड़बड़ियां
इतना सब होने और जानने के बाद कोई भी हिंदू जो जरा सा भी भगवान राम और हनुमान जी को मानता है जो रामायण को समझता है अपने धर्म से प्रेम करता है वह इस फिल्म को नहीं देखेगा और इस पर बैन की मांग भी करेगा।
जब नेपाल जैसा छोटा सा देश इस घटिया फिल्म पर एक छोटी सी बात पर बैन लगा सकता है (माता सीता को भारत की बेटी कहने पर) तो भारत जैसा इतना बड़ा देश जहां 100 करोड़ हिंदू रहते हैं और लगातार वह विरोध भी कर रहे हैं और इस फिल्म पर बैन की मांग भी कर रहे हैं तो आखिर क्यों, क्यों इस पर बैन नहीं लगाया जा रहा?
सरकार और प्रशासन को छोड़ो लेकिन देश में लाखों बड़े-बड़े हिंदू संगठन है, आखिर वह क्यों इस फिल्म को बैन नहीं लगव पा रहे क्या उनमें इतना भी सामर्थ्य नहीं है कि इतनी घटिया और वाहियात फिल्म जो हमारे धर्म पर कुठाराघात कर रही है, जो हमारे महाकाव्य रामायण का अपमान कर रही है, उसके तथ्यों को तोड़ मरोड़ रही है और हमारे आराध्य प्रभु श्री राम, राम भक्त हनुमान, माता जानकी एवं अन्य सभी पत्रों का चरित्र विकृत कर रही है ऐसी फिल्म को बैन करवाने का क्या हमारे बड़े बड़े संगठनों में सामर्थ्य नहीं है?
जब इतना सा काम नहीं करवा पा रहे तो हिंदू राष्ट्र का सपना क्यों दिखा रहे हैं?????