Ajmer 92 : इससे अधिक बेशर्मी भरा बयान आखिर और क्या हो सकता है? 1992 के सबसे बड़े बलात्कार कांड के दरिंदों को जस्टिफाई करते हुए दरगाह का खादिम इतनी गंदी और घटिया बात बोलता है। बेशर्मी की सारी हदें पार। हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को भी आहत किया, महर्षि विश्वामित्र का नाम इस मामले में लेना अत्यंत अपमानजनक है😡
क्या ये कहना चाहता है की उन पीड़ित लड़कियों ने उन हैवान खादिमों को उनके साथ गलत करने के लिए मजबूर किया था? या ये महर्षि विश्वामित्र का नाम लेकर ये कहना चाहता है की महर्षि ने इनके हैवान खादिमों की तरह अप्सरा का ब्लातकार किया?
वास्तविकता ये हैं की बचपन से 72 हूरों के सपने देखने वाले इन कट्टरपंथी हैवानों को उन हिंदू लड़कियों में 72 हूरों को पाने का रास्ता दिखा, उन पीड़ित लड़कियों के साथ जो दरिंदगी मजहबी हैवानों ने की उसका कहीं कोई कंपेरिजन नहीं हो सकता।
हिंदुओं में यदि थोड़ी भी शर्म बची है या वो खुदको हिंदू मानते हैं तो ऐसे खादिमों की दरगाहों पर जागर अपना माथा फोड़ते हुए अपने ऋषियों, संतों, धर्म का अपमान ना करें। जहां के खादिम ऐसे हैं जो उस समय ब्लातकार कांड में सम्मिलित होते हैं, जो आज उन बलात्कारी हैवानों को जस्टिफाई करते हैं और उन बेचारी पीड़ित बच्चियों पर दोष मढ़ते हैं वहां क्या ही होता होगा?
सावधान! क्या पता अब भी कोई हैवान दर&हों पर हिंदू बेटियों, महिलाओं पर नजर गड़ाए बैठा हो , अब भी कोई हैवान फोटो खींचकर हिंदू बहन - बेटियों के साथ कुछ करने का खेल रच रहा हों!
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ये हैं अजमेर शरीफ दरगाह के खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सरवर चिश्ती ,और आपको बता हैं 1992 के सबसे बड़े और घिलौन रेप कांड के मुख्य आरोपी भी चिस्ती ही थे। आरोपित थे- फारुक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती और ये तीनों दरिंदे कॉन्ग्रेस में महत्वपूर्ण पदों पर थे और अजमेर दरगाह के खादिम परिवारों से आते थे।
1992 के रेप कांड में लगभग सभी पीड़ित लड़कियां हिंदू और बलात्कारी हैवान मुसलमान थे। और अब जब वो सच्चाई दिखाती हुई फिल्म आ रही " Ajmer 92" तो ये समुदाय हो हल्ला मचा रहा है, ये कहते हैं को समुदाय विशेष को निशाना बनाया जा रहा है?
जब समुदाय विशेष के लोग अपराध करते हैं तब कोई बात नहीं लेकिन जब उनकी हैवानियत से परदा उठाया जाएगा तो उनके पक्ष में खड़े हो जाएंगे? क्या ये अपराध को बढ़ावा देना चाहते हैं? और शर्मनाक तो ये हैं की खादिमों का सचिव इतना गंदा और घटिया बयान देते हैं जिससे शर्म को भी शर्म आ जाए
शरवर चिस्ति अपनी गंदी बयानबाजी से हैवानों का बचाव तो कर ही रहा है उल्टा उन हिंदू लड़कियों को ही दोषी सिद्ध करने का प्रयास कर रहा है जिनको जिंदगी इनके समुदाय के दरिंदों ने बर्बाद कर दी। और तो और ऋषि विश्वामित्र का उदाहरण देकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहा है।
इसके अलावा केवल बाबाओं का उदाहरण देते हुए हिंदू संतों को रेपिस्ट बताना चाह रहा है जबकि अनगिनत मौलाना, मौलवी इन अपराधों में लिप्त पाए गए हैं और सजा काट रहे हैं।
चिश्ती ने कहा कि ‘लड़की चीज ही ऐसी होती है… बड़े से बड़ा फिसल जाता है’। इस मामले को हिंदुओं से जोड़ते हुए चिश्ती ने कहा, “आदमी पैसों से करप्ट नहीं हो सकता, मूल्यों से करप्ट नहीं हो सकता। लड़की चीज ही ऐसी है कि बड़े से बड़ा फिसल जाता है। वो थी ना… नाम क्या था… जो पेड़ के नीचे बैठे थे, विश्वामित्र जैसे भटक सकते हैं।”
चिश्ती ने आगे कहा, “अच्छा… जितने भी बाबा लोग जेल में हैं, ये सिर्फ वो हैं जो लड़की के मामले में फँसे हैं। यह ऐसा सब्जेक्ट है कि बड़े से बड़ा फिसल जाता है।” चिश्ती ने इसमें मुस्लिम मौलवियों का नाम ना लेकर एक नैरेटिव गढ़ने की कोशिश की।
विवादित बयानों के लिए कुख्यात है सरवर चिश्ती
सरवर चिश्ती वही शख्स है, जिसने नूपुर शर्मा मामले में लोगों को भड़काने का काम किया था। उसने कहा था, “इस वक्त मुल्क में जो हालात हैं। नामूस ए रसूल सललल्लाहु अलेही वसल्लम की शान में गुस्ताखी हो रही है। ये हम कभी कबूल नहीं करेंगे। ऐसा आंदोलन करेंगे कि पूरा भारत हिल जाएगा।” चिश्ती ने जिस अंदाज में यह ऐलान किया था, वह उसके इरादों को साफ तौर पर जाहिर कर रहा था।
चिश्ती पर प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से कनेक्शन होने का भी आरोप है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरवर चिश्ती खुद को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का सदस्य बताता है। उसे इस संगठन के सदस्यों के साथ कई बार देखा जा चुका है। वह मंचों से कई बार पीएफआई की तारीफ कर चुका है। 2020 में, उसने यह कहते हुए पीएफआई का बचाव किया था कि संगठन ‘भारत के संविधान को बचा रहा है’।
पीएफआई के नेताओं के साथ बैठे सरवर का एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में सरवर चिश्ती कहता है, “हम मुसलमानों के हामी हैं, मददगार हैं, उनके तरफदार हैं और ये तंजीमें- PFI-SDPI मुसलमानों की आवाज उठाती है।” इस दौरान SDPI नेता तस्लीम रहमानी भी सरवर चिश्ती के साथ बैठा था। साथ में PFI का अनीस, SDPI का जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद शफी, राजस्थान PFI अध्यक्ष आसिफ भी था। सरवर चिश्ती इनकी तारीफ कर रहा था।
इतना ही नहीं, 10 साल पहले कर्नाटक में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के मंच से भाषण देते हुए सरवर चिश्ती ने नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक बात कही थी। तब नरेंद्र मोदी को PM उम्मीदवार बनाने की अटकलें लग रही थीं।
उस समय सरवर चिश्ती ने कहा था, “अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गया तो कोई ताज्जुब नहीं होगा कि सभी मुसलमान आतंकवादी बन जाएँ।” चिश्ती के इस बयान के बाद कर्नाटक में उसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। हालाँकि, उस मामले का क्या हुआ, किसी को ज्ञात नहीं है।
सरवर का बेटा आदिल चिश्ती हिंदू-देवताओं का मजाक बनाते हुए 23 जून 2022 को कहा था, “333 करोड़ खुदाओं का अस्तित्व कैसे माना जाएगा? यह कैसे तार्किक है? एक खुदा का तो समझ में आता है, लेकिन 333 करोड़ खुदा, थोक में देवता (Wholesale of Gods), उसको कैसे माना जाएगा? मैं सोचता हूँ कि अगर व्यक्ति को हजार साल की जिंदगी मिले तो भी वह सभी 333 करोड़ खुदाओं को राजी नहीं कर सकता है।