फिल्म देखने के बाद हिंदू पीड़िता के माता पिता को अहसास हुवा को जेहादी जावेद ने उनकी बेटी को इसी तरह फंसाया हुबा है और उन्होंने पुलिस में शिकायत की जिससे 4 साल बाद हिंदू बच्ची जेहादी के चंगुल से बच सकी।
अब तक भी यदि आपने " द केरला स्टोरी" नहीं देखी तो जरूर देखें। हो सकता है आपके आसपास चल रहे किसी जिहादी षड्यंत्र कोई जानकारी आपको इस फिल्म को देखने के बाद समझ आए और आप इन जिहादियों के षड्यंत्र को विफल कर हिंदू बच्चियों को बचा सके।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 4 साल पहले मंछार गाँव में एक नाबालिग लड़की को दूसरे समुदाय के लड़के ने किडनैप किया था। मामले में एफआईआर हुई लेकिन मंछार पुलिस लड़की को ढूँढने की बजाय ढिलाई बरतती रही। (ऐसे पुलिस वालों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए जो ऐसे गंभीर मामलों में ढिलाई बरतते हैं)
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पुलिस ने घटना के वक्त पीड़ित परिवार की कोई मदद नहीं की। परिवार के जगह-जगह गुहार लगाने पर कोई सुनवाई नहीं हुई। लेकिन 6 महीने पहले उन्हें पता चला कि उनकी बेटी मंछार लौट आई है। उन्होंने जानकारी के आधार पर अपनी बेटी से मिलने की कोशिश की। मगर जब वो घर पहुँचे तो लड़की को एक बुर्के में पाया।
परिवार को द केरल स्टोरी देखने के बाद एहसास हुआ कि उनकी बेटी के साथ क्या षड्यंत्र किया जा रहा है। परिजनों ने अपने समुदाय के लोगों की मदद से लड़की को रेस्क्यू किया ।
बीजेपी नेता गोपीचंद जी के अनुसार लड़की ने बताया कि किस तरह उसका शोषण हुआ। उनके अनुसार लड़के के फोन में और भी हिंदू लड़कियों के फोटोज मिले हैं। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में लव जिहाद के कई मामले हुए हैं। कमेटी इन मामलों की जाँच कर रही है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में भाजपा सरकार जल्द धर्मांतरण विरोधी कानून लाएगी।
फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के भाई ने अपनी बहन की आपबीती का खुलासा करते हुए बताया, “उससे निकाह के बाद, उसे बुर्का पहनने के लिए मजबूर किया गया, नमाज अदा करने के लिए मजबूर किया गया और मटन खिलाया गया। जब उसने नमाज पढ़ने का विरोध किया, तो उसका शारीरिक शोषण किया गया।” पीड़िता के भाई ने बताया कि उसकी बहन को आरोपित लड़के की बहन लेकर गई थी। जिसके बाद परिवार ने तमाम प्रयास किए लेकिन उसका पता लगाने में असमर्थ रहे।