खैर मुख्य बात ये हैं की आखिर विपक्ष कहना क्या चाह रहा था और उसके पीछे उनकी मंशा क्या थी? इन्हीं प्रश्नों का सटीक उत्तर आपको प्रदीप माहौर जी के इस वीडियो से प्राप्त होंगे।
इस वीडियो में प्रदीप जी ने बताया है की आखिर क्यों संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री जी के हाथों होना सही है? और राष्ट्रपति जी का इसमें कौनसा अहम रोल है जो उद्घाटन से भी महत्वपूर्ण है।
वीडियो देखने के बाद आप समझ जायेंगे की कैसे विपक्ष केवल देश को गुमराह करने के लिए व्यवस्थित तरीके से नए नए तराने बनता है और देश को आगे बढ़ने से रोकना चाहता है।
क्या ये केवल राजनीतिक विपक्ष है या ये कोई राष्ट्रद्रोहियों का टोला बन चुका है? वैसे अब देशवासियों की तरफ से मांग उठने लगी है की जिन्होंने ये नौटंकी की,जिन्होंने संसद का बहिष्कार किया उन्हें अब संसद में जाने लायक ही नहीं छोड़ेंगे...उन्हें चुनाव जीतने ही नहीं देंगे....